अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की कमेटी ने 18 मई 2020 को एक बड़ा फैसला करते हुए गेंद को चमकाने के लिए थूक का इस्तेमाल किए जाने पर पाबंदी लगाने की सिफारिश की है. आईसीसी क्रिकेट समिति ने कोविड-19 महामारी को देखते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की.
कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने के बाद से ही लगातार इस बारे में बातें की जा रही थी. खिलाड़ियों के गेंद चमकाने के लिए थूक या पसीने के उपयोग पर पाबंदी लगाने का सुझाव दिया जा रहा था. आईसीसी क्रिकेट कमेटी ने आईसीसी के नियमों में बदलाव किए जाने की सिफारिश की है जिससे कोविड-19 के वायरस से खिलाडीयों और मैच से जुड़े तमाम अधिकारियों का बचाव किया जा सके.
अनिल कुंबले के नेतृत्व वाली आईसीसी क्रिकेट समिति ने कोरोना से बचाव के लिए गेंदबाजों को लार का उपयोग न करने की सिफारिश की. हालांकि, कमेटी ने पसीने के उपयोग को जारी रखने की बात कही क्योंकि इससे कोई स्वास्थ्य खतरा नहीं देखा गया. वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान एक बैठक के दौरान, समिति ने सभी अंतरराष्ट्रीय मैचों के लिए दो गैर-तटस्थ अंपायरों को वापस लाने पर भी जोर दिया.
डीआरएस समीक्षा बढ़ी
समिति ने इसके अतिरिक्त प्रत्येक पारी में डीआरएस समीक्षा के मौके दो के बजाय तीन करने की सिफारिश भी की. कुंबले ने आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा कि हम बेहद विषम दौर से गुजर रहे हैं और समिति ने आज जो सिफारिशें की हैं वे क्रिकेट का मूल स्वरूप कायम रखते हुए खेल को सुरक्षित तरीके से शुरू करने हेतु अंतरिम उपाय हैं.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि आईसीसी क्रिकेट समिति ने आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति के डॉ. पीटर हरकोर्ट से लार के माध्यम से वायरस के संक्रमण का जोखिम बढ़ने के बारे में सुना और गेंद को चमकाने के लिए लार का उपयोग बंद करने पर सर्वसम्मति से सहमित जताई.
लार का उपयोग क्यों किया जाता है?
क्रिकेट की गेंद विशेष कर लाल गेंद पर लार का उपयोग चमक बनाने और उससे स्विंग हासिल करने हेतु किया जाता है, लेकिन इसे अब स्वास्थ्य के लिए जोखिम के तौर पर देखा जा रहा है. बैठक में जिस अन्य अहम मसले पर चर्चा हुई वह कुछ समय के लिए द्विपक्षीय सीरीज में फिर से गैर तटस्थ अंपायरों को नियुक्त करना है. इस सिफारिशों को मंजूरी के लिए आईसीसी बोर्ड के सामने रखा जाएगा.
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