आईआईटी हैदराबाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में बीटेक शुरू करने वाला देश का पहला संस्थान बना

Jan 19, 2019, 09:25 IST

यह कोर्स अमेरिका की कार्नेगी मेलन यूनीवर्सिटी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में कराया जाता है. प्रोग्राम की शुरुआत शैक्षणिक सत्र 2019-2020 से की जाएगी.

IIT-Hyderabad to launch full-fledged bachelor's programme in Artificial Intelligence
IIT-Hyderabad to launch full-fledged bachelor's programme in Artificial Intelligence

आईआईटी हैदराबाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रोग्राम को बी-टेक में शुरू करने वाला देश का पहला और विश्व का तीसरा संस्थान बन गया है.

यह कोर्स अमेरिका की कार्नेगी मेलन यूनीवर्सिटी और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में कराया जाता है. प्रोग्राम की शुरुआत शैक्षणिक सत्र 2019-2020 से की जाएगी.

उद्देश्य:

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम शुरू करने का उद्देश्य स्टूडेंट्स को इस क्षेत्र से जुड़ी हर आधुनिक जानकारी उपलब्ध कराना है. इसके अलावा स्टूडेंट्स को राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्षेत्र में इनोवेशन के लिए सक्षम बनाना है.

 

मुख्य तथ्य:

•   इस प्रोग्राम में कुल 20 छात्रों जेईई एडवांस के स्कोर के आधार एडमिशन दिया जाएगा. खास बात यह है कि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में उक्त कोर्स की बेहद मांग है.

•   छात्रों को कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट से एल्गोरिदम, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से सिग्नल प्रोसेसिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग एंड मैथ्स फाउंडेशन से रोबोटिक्स जैसे कोर्स करने का विकल्प मिलेगा. इसके साथ ही हैल्थकेयर, एग्रीकल्चर, स्मार्ट मोबिलिटी पर भी फोकस कराया जाएगा.

•   छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर प्रैक्टिकल से लेकर थियोरी की पूरी पढ़ाई करवाई जाएगी.

•   आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस व मशीन लर्निंग की पढ़ाई के साथ-साथ रिसर्च पर भी फोकस किया जाएगा.

 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में:

कृत्रिम बुद्धि (आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस या एआई) मानव और अन्य जन्तुओं द्वारा प्रदर्शित प्राकृतिक बुद्धि के विपरीत मशीनों द्वारा प्रदर्शित बुद्धि है. कंप्यूटर विज्ञान में कृत्रिम बुद्धि के शोध को "होशियार एजेंट" का अध्ययन माना जाता है. होशियार एजेंट कोई भी ऐसा सयंत्र है जो अपने पर्यावरण को देखकर, अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश करता है.

कृत्रिम बुद्धि, कंप्यूटर विज्ञान का एक शाखा है जो मशीनों और सॉफ्टवेयर को खुफिया के साथ विकसित करता है. वर्ष 1955 में जॉन मकार्ति ने इसको कृत्रिम बुद्धि का नाम दिया और उसके बारे में "यह विज्ञान और इंजीनियरिंग के बुद्धिमान मशीनों बनाने के" के रूप परिभाषित किया. कृत्रिम बुद्धि अनुसंधान के लक्ष्यों में तर्क, ज्ञान की योजना बना, सीखने, धारणा और वस्तुओं में हेरफेर करने की क्षमता, आदि शामिल हैं.

कृत्रिम बुद्धि का वैज्ञानिकों ने वर्ष 1956 में अध्धयन करना चालू किया. एआई अनुसंधान की पारंपरिक समस्याओं (या लक्ष्यों) में तर्क , ज्ञान प्रतिनिधित्व , योजना , सीखना , भाषा समझना , धारणा और वस्तुओं को कुशलतापूर्वक उपयोग करने की क्षमता शामिल है.

 

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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