भारत सरकार और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने पश्चिम बंगाल में वित्तीय सुधारों हेतु 300 मिलियन डॉलर के ऋण समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, इस समझौते का उद्देश्य राज्य में सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना है.
समझौता पत्र पर पश्चिम बंगाल की ओर से वित्त विभाग के सचिव परवेज़ अहमद सिद्दकी ने किए. एडीबी की ओर से भारत के लिए एडीबी के निदेशक केनी केची योकोयामा ने हस्ताक्षर किए.
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उद्देश्य-
पश्चिम बंगाल विकास वित्त कार्यक्रम का उद्देश्य अनुत्पादक व्यय को कम करके और राजस्व संग्रह में बढ़ोत्तरी के माध्यम से सार्वजनिक निवेश को बढ़ाना है. कार्यक्रम के पहले चरण में 400 मिलियन डॉलर का व्यय हुआ.
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामले विभाग में सयुंक्त सचिव समीर कुमार खरे के अनुसार कार्यक्रम का लक्ष्य सुधारों का दायरा बढ़ाना, व्यय को तार्किक बनाना, राजकोषीय प्रशासन में सुधार और राज्य में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ाना है.
भारत के लिए एडीबी के निदेशक केनी केची योकोयामा के अनुसार नया कार्यक्रम राज्य में उच्च सार्वजनिक निवेश को बनाए रखने हेतु आवश्यक वित्तीय माहौल तैयार करेगा. इससे राज्य की वित्तीय प्रणाली संतुलित और स्थायी हो सकेगी.
इस कार्यक्रम से राज्य में सार्वजनिक निवेश के साथ-साथ निजी क्षेत्र में निवेश को भी प्रोत्साहित मिलेगा. इससे जरूरी ढांचागत सुविधाएं और सहयोग प्रदान किया जाएगा. सार्वजनिक और निजी साझेदारी का जोर मुख्यत: स्वास्थ्य और शिक्षा में क्षेत्र में रहेगा. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों हेतु पंजीकरण और लाइसेंस की प्रक्रिया को भी सरल बनाया जाएगा.
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एशियाई विकास बैंक -
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) एक क्षेत्रीय विकास बैंक है. जिसकी स्थापना 19 दिसम्बर 1966 को एशियाई देशों के आर्थिक विकास के सुगमीकरण हेतु की गयी.
यह बैंक यूऍन (UN) इकोनॉमिक कमीशन फॉर एशिया एंड फार ईस्ट (अब यूएनईएससीएपी- UNESCAP) और गैर क्षेत्रीय विकसित देशों के सदस्यों को सम्मिलित करता है.
इस बैंक की स्थापना 31 सदस्यों के साथ की गई. एडीबी में वर्तमान में 67 सदस्य हैं. जिसमे से 48 एशिया और पैसिफिक से हैं और 19 सदस्य बाहरी हैं.
एडीबी (ADB) का प्रारूप काफी हद तक वर्ल्ड बैंक के आधार पर बनाया गया.
वर्ल्ड बैंक (विश्व बैंक) के समान यहां भी भारित वोट प्रणाली की व्यवस्था की गई है. जिसमे वोटों का वितरण सदस्यों के पूंजी अभिदान अनुपात के आधार पर किया जाता है.
वर्तमान में, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान दोनों के ही पास 552,210 शेयर हैं. इन दोनों के पास शेयरों का सबसे बड़ा हिस्सा है जो कुल का 12.756 प्रतिशत है.
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