भारत और बांग्लादेश ने 3 सितंबर, 2020 से एक नया व्यापार मार्ग खोलने का फैसला किया है, ताकि अंतर्देशीय जल परिवहन तंत्र के दायरे का विस्तार करके क्षेत्रीय संपर्क (कनेक्टिविटी) को बढ़ावा दिया जा सके और इस क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा मिल सके.
इस 3 सितंबर, 2020 को, एक बांग्लादेशी पोत दोनों देशों के बीच संपर्क को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत त्रिपुरा के लिए सीमेंट के माल का परिवहन करेगा. यह जहाज बांग्लादेश के प्रीमियर सीमेंट लिमिटेड से 50 मीट्रिक टन सीमेंट ले जाएगा.
त्रिपुरा में सोनामुरा को जिस मार्ग पर बांग्लादेश में दाउदकंडी से जोड़ा जाएगा, उस मार्ग का परिचालन नदी के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मई, 2020 में दोनों देशों द्वारा हस्ताक्षरित समझौते के तहत किया गया है.
मुख्य विशेषताएं
- भारत और बांग्लादेश के बीच यह नया मार्ग व्यापार समुदाय के लिए बेहतर विश्वसनीयता और लागत प्रभावशीलता के साथ द्विपक्षीय व्यापार की सुविधा प्रदान करेगा.
- मई, 2020 में भारत और बांग्लादेश के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे ताकि भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों से संपर्क में सुधार करने के साथ-साथ परिवहन लागत को कम करने के लिए दो नए मार्गों और पांच और बंदरगाहों को जोड़कर व्यापार को बढ़ावा दिया जा सके.
- बांग्लादेश अंतर्देशीय जल परिवहन प्राधिकरण और भारत के अंतर्देशीय जल प्राधिकरण के बीच हुई इस चर्चा के अनुसार, पहला संचार 93 किमी दाउदकंडी-सोनमुरा मार्ग होगा.
- इस पायलट मूवमेंट के लिए सीमा शुल्क औपचारिकताएं श्रीमंतपुर-बीबीरबाजार में भूमि सीमा शुल्क स्टेशन पर पूरी की जाएंगी.
भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापारिक संबंध
भारत और बांग्लादेश ने वर्ष 1972 में द्विपक्षीय व्यापार के लिए दोनों देशों के बीच अंतर्देशीय जलमार्ग संपर्क और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के लिए कनेक्टिविटी में सुधार के लिए अंतर्देशीय जल व्यापार और पारगमन के लिए प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए थे.
इस 20 मई, 2020 को दूसरे परिशिष्ट(अडेनडम) के हस्ताक्षर के साथ ही इस प्रोटोकॉल का और विस्तार किया गया, जिसमें दो नए मार्गों के साथ-साथ पोर्ट ऑफ़ कॉल के पांच बंदरगाहों को जोड़ा गया, जिससे पोर्ट ऑफ़ कॉल (पड़ाव पत्तन) की कुल संख्या 11 और मार्गों की कुल संख्या 10 तक हो गई.
वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान, अंतर्देशीय जलमार्ग के माध्यम से लगभग 3.5 मिलियन टन माल का परिवहन किया गया था.
एक अधिकारी के अनुसार, कोविड -19 महामारी के दौरान मौजूदा और नए मार्गों द्वारा प्रदान की जाने वाली कनेक्टिविटी अधिक आवश्यक है क्योंकि यह दोनों देशों के व्यापारिक समुदायों के लिए तेज, किफायती, हरियाली और सुरक्षित परिवहन के लिए महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी साबित होगी.
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