भारत और ईरान ने 23 मई 2016 को चाबहार बंदरगाह समेत 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. समझौतों पर हस्ताक्षर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी के द्विपक्षीय बातचीत के उपरांत तेहरान में किए गए.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 वर्ष में ईरान का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री है.
साथ ही दोनों देशों ने विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर भी बातचीत की और आतंकवाद, ड्रग ट्रैफिकिंग और साइबर क्राइम जैसे उभरते हुए खतरों से निपटने के लिए सहमत हुए.
भारत और ईरान के बीच हुए 12 समझौते:
• भारत ईरान सांस्कृतिक आदान प्रदान कार्यक्रम
• दोनों सरकारों के बीच नीतिगत बातचीत और थिंक टैंक के बीच परिचर्चाएं होंगी
• दोनों देशों के बीच कूटनीतिज्ञों के प्रशिक्षण और प्रख्यात वक्ताओं के आदान प्रदान के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति
• विज्ञान और तकनीकि के क्षेत्र में परस्पर सहयोग
• सांसकृतिक आदानप्रदान बढ़ाने हेतु संस्थागत सहयोग
• चाबहार पोर्ट पर विकास एवं कार्यो के लिए द्विपक्षीय समझौता
• चाबहार पोर्ट प्रोजेक्ट में विशेष नियमों के लिए समझौता ज्ञापन
• चाबहार पोर्ट के विकास के लिए और स्टील रेल आयात करने के लिए 3000 करोड़ रुपये का क्रेडिट देने पर सहमति
• विदेशी व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने कि लिए सहयोग का ढांचा तैयार करने पर सहमति
• एल्यूमिनियम के संयुक्त उत्पादन की संभावनाओं को प्रदान करने के लिए समझौता ज्ञापन
• चाबहार जाहेदान रेलमार्ग के निर्माण के लिए सेवाएं देने के लिए समझौता ज्ञापन
• पुराने मुद्दों के मामलों में जानकारियों के आदान प्रदान में सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन
टिपण्णी
दोनों देशो के बीच हुए हस्ताक्षर भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधो के इतिहास में एक नया अध्याय प्रारंभ करेंगे.
इन 12 समझौतों में से सबसे प्रमुख भारत द्वारा सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह के विकास पर समझौता ज्ञापन है.
इस बंदरगाह के विकास से भारत को बिना पाकिस्तान से गुज़रे अफ़ग़ानिस्तान, जिसके साथ भारत के सुरक्षा और आर्थिक सम्बन्ध है, में सजहता से प्रवेश मिल सकेगा.
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