विश्व बैंक और भारत ने 750 मिलियन डॉलर का एग्रीमेंट किया साइन, कोरोना संकट से जूझ रहे MSME को मिलेगी बड़ी राहत

Jul 7, 2020, 15:01 IST

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार, यह एमएसएमई सेक्‍टर को समय के साथ आगे बढ़ाने के लिए आवश्‍यक सुधारों के बीच पहला कदम है.

India and World Bank signed USD 750 million agreement for MSME Emergency Response Programme in Hindi
India and World Bank signed USD 750 million agreement for MSME Emergency Response Programme in Hindi

विश्व बैंक और भारत सरकार ने 06 जुलाई 2020 को ‘एमएसएमई आपातकालीन उपाय कार्यक्रम’ के लिए 750 मिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किये. इस समझौते का मुख्‍य उद्देश्‍य कोविड-19 संकट से बुरी तरह प्रभावित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को वित्त का प्रवाह बढ़ाने में आवश्‍यक सहयोग प्रदान करना है.

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुसार, यह एमएसएमई सेक्‍टर को समय के साथ आगे बढ़ाने के लिए आवश्‍यक सुधारों के बीच पहला कदम है. विश्व बैंक का ‘एमएसएमई आपातकालीन उपाय कार्यक्रम’ लगभग 1.5 मिलियन लाभप्रद एमएसएमई की नकदी और ऋण संबंधी तात्कालिक आवश्यकताओं को पूरा करेगा. इससे उन्‍हें मौजूदा सदमे के प्रभावों को झेलने के साथ-साथ लाखों नौकरियों की रक्षा करने में भी मदद मिलेगी.

समझौते पर हस्ताक्षर

इस समझौते पर भारत सरकार की तरफ से वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग में अपर सचिव समीर कुमार खरे और विश्व बैंक की ओर से कंट्री डायरेक्टर (भारत) जुनैद अहमद ने हस्ताक्षर किये.

मुख्य बिंदु

• विश्व बैंक ने एमएसएमई परियोजना सहित भारत के आपातकालीन कोविड-19 उपायों में आवश्‍यक सहयोग देने के लिए अब तक 2.75 अरब डॉलर देने की प्रतिबद्धता व्‍यक्‍त की है.

• एक अरब डॉलर की पहली आपातकालीन सहायता की घोषणा भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में तत्काल सहयोग देने के लिए इस साल अप्रैल महीने में की गई थी.

• एक अरब डॉलर की एक और परियोजना को मई महीने में गरीबों और कमजोर वर्गों को नकद हस्तांतरण एवं खाद्य संबंधी लाभों में वृद्धि करने के लिए मंजूरी दी गई थी.

• इसमें अपेक्षाकृत अधिक समग्र डिलीवरी प्‍लेटफॉर्म भी शामिल है, जो सभी राज्यों में रहने वाली ग्रामीण और शहरी दोनों ही आबादी के लिए सुलभ है.

• अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (आईबीआरडी) से मिलने वाले 750 मिलियन डॉलर के ऋण की परिपक्वता अवधि 19 साल है जिसमें 5 साल की मोहलत अवधि भी शामिल है.

• विश्व बैंक के इस कार्यक्रम के अंतर्गत इस श्रेणी के लगभग 15 लाख उद्योगों को त्‍वरित रूप से तरलता और ऋण प्रदान किया जाएगा, ताकि वे मौजूदा संकट के बावजूद अपना कार्य करते रहें और उनके द्वारा उपलब्‍ध लाखों रोजगार सुरक्षित रहें.

• यह राशि लघु वित्त बैंकों (एसएफबी) और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के माध्यम से वितरित की जाएगी, जो एसएफबी और एनबीएफसी को मजबूत करने में मदद करेगी.

महत्व और पृष्ठभूमि

कोरोना (कोविड-19) महामारी से एमएसएमई सेक्‍टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है जिससे आजीविका और रोजगार दोनों ही मोर्चों पर व्‍यापक नुकसान उठाना पड़ा है. भारत सरकार यह सुनिश्चित करने पर फोकस कर रही है कि वित्तीय सेक्‍टर में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध तरलता का प्रवाह एनबीएफसी की ओर हो और जोखिम मोल लेने से कतरा रहे बैंक एनबीएफसी को ऋण देकर अर्थव्यवस्था में निरंतर धनराशि डालते रहें.

यह परियोजना लक्षित गारंटी प्रदान करने में सरकार को आवश्‍यक सहयोग देगी, जिससे लाभप्रद एमएसएमई को उधार देने के लिए एनबीएफसी और बैंकों को प्रोत्साहित किया जा सकेगा. इससे लाभप्रद एमएसएमई को मौजूदा संकट का डटकर सामना करने में मदद मिलेगी.

यह कार्यक्रम प्रभावकारी वित्तीय मध्यवर्ती संस्‍थाओं के रूप में एनबीएफसी और एससीबी की भूमिका को और आगे बढ़ाकर तथा एमएसएमई सेक्‍टर में वित्त की पहुंच को व्यापक बनाने के लिए फिनटेक का लाभ उठाकर इन दोनों उद्देश्यों की पूर्ति करना चाहता है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News