पिछले 40 साल में पहली बार घटा भारत का CO2 उत्सर्जन, जानिए इसके पीछे की मुख्य वजह

May 14, 2020, 09:54 IST

पूरे विश्व में कोरोना महामारी से हाहाकार मचा हुआ है. इस खतरनाक वायरस की चपेट से बचने के लिए अधिकतर देश में लॉकडाउन लगाया गया है. इस पहल में भारत में भी लोगों की सुरक्षा के लिए लॉकडाउन लगाया गया है.

India carbon emissions fall for first time in four decades in Hindi
India carbon emissions fall for first time in four decades in Hindi

पर्यावरण संबंधित एक वेबसाइट कार्बन ब्रीफ के विश्लेषण के मुताबिक, कोरोना संकट के बीच चालीस साल में पहली बार भारत में कार्बन उत्सर्जन में साल-दर-साल के लिहाज़ से कमी दर्ज की गई है. रिपोर्ट के अनुसार देश में नवीकरणीय ऊर्जा में प्रतिस्पर्धा और बिजली के गिरते उपयोग से जीवाश्म ईंधन की मांग कमजोर पड़ गई है.

पूरे विश्व में कोरोना महामारी से हाहाकार मचा हुआ है. इस खतरनाक वायरस की चपेट से बचने के लिए अधिकतर देश में लॉकडाउन लगाया गया है. इस पहल में भारत में भी लोगों की सुरक्षा के लिए लॉकडाउन लगाया गया है. इस लॉकडाउन के कारण से करोड़ों लोगों की जान तो बच ही रही है साथ ही साथ सबसे बड़ा लाभ पर्यावरण को हो रहा है.

मुख्य बिंदु

 कोरोना वायरस प्रेरित देशव्यापी लॉकडाउन की अचानक घोषणा के कारण पिछले चार दशकों में पहली बार भारत का कार्बन उत्सर्जन गिर गया है.

 अध्ययन में पाया गया है कि कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन मार्च में 15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है और अप्रैल में इसमें 30 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है.  

• शोधकर्ताओं ने तेल, गैस और कोयले की खपत का अध्ययन करते हुए अनुमान लगाया है कि मार्च में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष में CO2 उत्सर्जन 30m टन तक गिर गया.

  भारतीय राष्ट्रीय ग्रिड के दैनिक आंकड़ों के मुताबिक मार्च के पहले तीन हफ्तों में कोयला आधारित बिजली उत्पादन मार्च में 15 प्रतिशत और 31 प्रतिशत नीचे था.

 सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (CREA) के शोधकर्ताओं ने कहा कि देश में कोयले की मांग पहले से ही कम है, वित्त वर्ष में मार्च के अंत में कोयले की डिलीवरी में 2 प्रतिशत की गिरावट आई है. ऐसा दो दशकों में पहली बार हुआ है.

• वहीं इस दौरान कोयले की बिक्री में 10 प्रतिशत और आयात में 27.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. मार्च 2020 में साल-दर-साल तेल की खपत में 18 प्रतिशत की कमी आई थी. इस बीच नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति साल दर साल अधिक होती गई है. कोरोना महामारी के बाद से इसमें इजाफा हुआ है.

पृष्ठभूमि

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) द्वारा अप्रैल के अंत में प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक वर्ष की पहली तिमाही में कोयले की दुनिया का उपयोग 8 प्रतिशत था जबकि इसके विपरीत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पवन और सौर ऊर्जा की मांग में मामूली वृद्धि देखी गई. माना जाता है कि कोयले से निर्मित बिजली की मांग में गिरावट की वजह दिन-प्रतिदिन के आधार पर चलाने हेतु इसकी अधिक लागत है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News