भारत ने 15 अगस्त 2018 को 72वां स्वतंत्रता दिवस मनाया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली में ऐतिहासिक लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को सम्बोधित किया. बता दें, यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 5वां भाषण था.
इस मौके पर नरेन्द्र मोदी ने गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण भी किया. प्रधानमंत्री के लिए गार्ड ऑफ ऑनर दस्ते में एक अधिकारी तथा सेना, जल सेना, वायु सेना तथा दिल्ली पुलिस के 24 कर्मी थे.
इस वर्ष नौसेना समन्वय का कार्य कर रही है इसलिए गार्ड ऑफ ऑनर की कमान नौसेना के कमांडर पी.आर. जगन मोहन ने संभाला था. प्रधानमंत्री की गार्ड ऑफ ऑनर दस्ते में सेना की कमान मेजर सूरज पाल ने संभाली, जबकि नौसेना की कमान लेफ्टिनेंट कमांडर एम.वाई.वी. तेजस तथा वायु सेना दस्ते का नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर प्रवीण नारायण और दिल्ली पुलिस दस्ते का नेतृत्व एसीपी जगदेव सिंह यादव ने किया.
प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के समय राष्ट्रीय ध्वज गार्ड में 1 ऑफिसर तथा सेना, नौसेना, वायु सेना तथा दिल्ली पुलिस के 32 कर्मी थे.
प्रधानमंत्री का यह भाषण हर मायने में खास होता है. इसमें सरकार की उपलब्धियों का जिक्र होता है तो कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संदेश भी निहित होते हैं.
रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री के भाषण के लिए 30,000 से अधिक सुझाव आए हैं, जो विभिन्न माध्य्मों से साझा किए गए हैं. इसके अतिरिक्त दूर-दराज के क्षेत्रों से करीब 2,000 लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम पत्र भी लिखे हैं. लोगों ने जो सुझाव दिए हैं, उनमें रोजगार के अवसर पैदा करने, परिवार नियोजन और स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित परामर्श हैं.
स्वातंत्रता दिवस से पहले लाल किले पर मुख्ये समारोह के आयोजन की तैयारियां पिछले सप्तााह से ही जारी हैं.
भारत, नेपाल
भारत ने अपने 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेपाल के अस्पतालों, चैरिटेबल ट्रस्टों और शैक्षणिक संस्थानों को 30 ऐंबुलेंस और 6 बसें उपहार में दी. नेपाल में भारतीय राजदूत मंजीव सिंह पुरी ने काठमांडू में भारतीय दूतावास के परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में तिरंगा फहराया और भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का संदेश पढ़कर सुनाया.
स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय अवकाश रहता है. नॉर्थ इंडिया में स्वतंत्रता दिवस के दिन पतंग उड़ाने की भी परंपरा है. खास कर दिल्ली, लखनऊ, मुरादाबाद और बरैली में पतंग उड़ाई जाती हैं.
भाषण:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से करीब 82 मिनट का भाषण दिया। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में लगभग 96 मिनट तक भाषण दिया था जो किसी प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले से दिया गया सबसे लंबा भाषण था. वहीं, 2017 में प्रधानमंत्री ने 56 मिनट का भाषण दिया था.
राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम:
देश के राष्ट्रपति स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर "राष्ट्र के नाम संबोधन" देते हैं. इसके बाद अगले दिन दिल्लीत में लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है. जिसे 21 तोपों की सलामी दी जाती है. इसके बाद प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं.
आयोजन के बाद स्कूली छात्र तथा राष्ट्रीय कैडेट कोर के सदस्य राष्ट्र गान गाते हैं. लाल किले में आयोजित देशभक्ति से ओतप्रोत इस रंगारंग कार्यक्रम को देश के सार्वजनिक प्रसारण सेवा दूरदर्शन (चैनल), द्वारा देशभर में सजीव (लाइव) प्रसारित किया जाता है.
स्वतंत्रता दिवस की संध्या पर राष्ट्रीय राजधानी तथा सभी शासकीय भवनों को रंग बिरंगी विद्युत सज्जा से सजाया जाता है, जो शाम का सबसे आकर्षक आयोजन होता है.
राज्य स्तर पर कार्यक्रम:
देश के सभी राज्यों की राजधानी में इस अवसर पर विशेष झंडावंदन कार्यक्रम आयोजित किया जाता हैं. राज्य के सुरक्षाबल राष्ट्रध्वज को सलामी देते हैं. प्रत्येक राज्य में वहाँ के मुख्यमंत्री ध्वजारोहण करते हैं. स्थानीय प्रशासन, जिला प्रशासन, नगरीय निकायों, पंचायतों में भी इसी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. शासकीय भवनों को आकर्षक पुष्पों से तिरंगे की तरह सजाया जाता है. छोटे पैमाने पर शैक्षिक संस्थाननों में, आवासीय संघों में, सांस्कृंतिक केन्द्रोंक तथा राजनैतिक सभाओं का आयोजन किया जाता है.
कार्यक्रम:
स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर हिंदी देशभक्ति के गीत और क्षेत्रीय भाषाओं में टेलीविजन और रेडियो चैनलों पर प्रसारित किए जाते हैं. इनको झंडा फहराने के समारोह के साथ भी बजाया जाता है. देशभक्ति की फिल्मों का प्रसारण भी होता है.
प्लास्टिक के तिरंगे न इस्तेमाल करे:
केंद्र सरकार ने देश के सभी नागरिकों से प्लास्टिक के तिरंगे न इस्तेमाल करने की अपील की है. गृह मंत्रालय ने इसके साथ ही जारी की एडवाइजरी में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से यह सुनिश्चित कराने के लिए कहा है कि हर जगह राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े नियमों का पालन हो.
तिरंगे के साथ क्या नहीं करना चाहिए:
- किसी भी इमारत पर इसे आधा नहीं फहराया जाना चाहिए. हालांकि, सरकारी इमारतों या दफ्तर पर कुछ खास मौके पर इसकी छूट दी जाती है.
- किसी प्रतिमा पर से अनावरण हटाते समय देश के झंडे को उससे अलग रखा जाना चाहिए. गलती से भी झंडे से उस मूर्ति को ढंके नहीं.
- यह किसी भी वाहन, ट्रेन, नाव या वायुयान के आगे, ऊपर, पीछे या किनारों पर लिपटा नहीं होना चाहिए.
- झंडे के कलर कॉम्बिनेशन में भी छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए. कटा, फटा, पुराना व गंदा झंडा कभी भी फहराने के काम में नहीं इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
उल्लंघन पर सजा और जुर्मानाः
‘प्रिवेंशन ऑफ इंसल्ट टू नेशनल ऑनर एक्ट, 1971’ के अनुसार, अगर सार्वजनिक स्थल या किसी अन्य जगह पर झंडे को जलाया, फाड़ा या किसी भी रूप में इसका अपमान किया जाता है, तो उस शख्स को तीन साल की जेल के साथ जुर्माना हो सकता है.
झंडा फहराने के भी हैं नियम:
'फ्लैग कोड ऑफ इंडिया' के तहत भारत में किसी भी स्थान पर खुले में सिर्फ रोशनी में ही झंडा फहराया जा सकता है. अगर किन्हीं कारणों से झंडा फट जाता है या फिर गंदा हो जाता है तो उसे तुरंत बदला जाता है, लेकिन यह काम भी सूरज की रोशनी में ही किया जाता है.
लाल किले पर पहला झंडा:
लाल किले पर सबसे पहले हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने झंडा फहराया था. इसके बाद से यहां हर साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री झंडा फहराने लगे.
स्वतंत्रता दिवस के बारे में:
भारत में 15 अगस्त 1947 को प्रथम स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था. यह भारत का राष्ट्रीय त्यौहार है. प्रतिवर्ष इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से देश को सम्बोधित करते हैं. महात्मा गाँधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में लोगों ने काफी हद तक अहिंसक प्रतिरोध और सविनय अवज्ञा आंदोलनों में हिस्सा लिया.
स्वतंत्रता के बाद ब्रिटिश भारत को धार्मिक आधार पर विभाजित किया गया, जिसमें भारत और पाकिस्तान का उदय हुआ. विभाजन के बाद दोनों देशों में हिंसक दंगे भड़क गए और सांप्रदायिक हिंसा की अनेक घटनाएं हुईं. विभाजन के कारण मनुष्य जाति के इतिहास में इतनी ज्यादा संख्या में लोगों का विस्थापन कभी नहीं हुआ.
इस दिन को झंडा फहराने के समारोह, परेड और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है. भारतीय इस दिन अपनी पोशाक, सामान, घरों और वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर इस उत्सव को मनाते हैं और परिवार व दोस्तों के साथ देशभक्ति फिल्में देखते हैं, देशभक्ति के गीत सुनते हैं.
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