भारत और चीन के बीच दोहरे कराधान से बचने के समझौते में संशोधन किया गया है. भारत और चीन के बीच 26 नवंबर 2018 को दोहरे कराधान से बचने के समझौते में संशोधन पर हस्ताक्षर किये गये.
संशोधन के तहत दोनों देशों के बीच कर संबंधी सूचनाओं के आदान- प्रदान का प्रावधान किया गया है. इसके अमल में आने से दोनों देशों में कर चोरी रोकने में मदद मिलेगी. संशोधन के जरिये वित्तीय अपवंचना को रोकने में मदद मिलेगी.
मुख्य तथ्य:
• इसमें कहा गया है कि ताजा संशोधन से संधि में सूचनाओं के आदान- प्रदान से संबंधित मौजूदा प्रावधानों को नये अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया गया है.
• इसके अलावा संधि में कारोबार में आधार क्षरण और मुनाफा स्थानांतरण की कार्रवाई रिपोर्ट (बीईपीएस) परियोजना के न्यूनतम मानकों को अमल में लाने के लिये जरूरी बदलाव भी इसमें किये गये हैं.
• अन्य बदलावों के अलावा, इस सहमति पत्र में नवीनतम अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों में सूचना के आदान-प्रदान के लिये मौजूदा प्रावधानों को अद्यतन किया गया है. इस संधि में दोनों पक्षों की सहमति के आधार पर बीईपीएस एक्शन रिपोर्ट के अनुसार कई बदलाव किये गये हैं.
• मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि न्यूनतम मानकों के साथ ही इस संधि में दोनों पक्षों के बीच बनी सहमति के अनुरूप जरूरी बदलाव किये गये हैं.
आयकर कानून के तहत:
आयकर कानून 1961 की धारा 90 के तहत भारत दोहरे कराधान से बचने, कर चोरी रोकने के वास्ते सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिये किसी दूसरे देश के साथ अथवा विशिष्ट अधिकार क्षेत्र वाले भूखंड के साथ समझौता कर सकता है.
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