भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने 27 सितंबर 2021 को कहा कि उनका देश परमाणु हथियार मुक्त विश्व का पक्षधर है और परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध भी है. यूएनएससी में विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा भारत परमाणु हथियार मुक्त दुनिया के प्रतिबंध है और परमाणु हथियार को पूर्ण से खारिज करता है. भारत की सर्वप्रमुख उद्देश्य परमाणु को समाप्त करना है.
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 'सामूहिक विनाश के हथियारों का अप्रसार: व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि' विषय पर अपने संबोधन में कहा कि भारत ने परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में वैश्विक प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभाई है. साथ ही वह पहला देश है, जिसने 1954 में परमाणु परीक्षण पर प्रतिबंध लगाने और 1965 में परमाणु हथियारों के अप्रसार पर एक गैर-भेदभावपूर्ण संधि का आह्वान किया था.
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के पहले विशेष सत्र के अनुसार परमाणु हथियारों का पूरी तरह खत्म किया जाना जरूरी है. विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि हमारा मानना है कि यह लक्ष्य एक तय प्रक्रिया के जरिए हासिल किया जा सकता है. इसके अंतर्गत वैश्विक शक्तियां भेदभाव रहित बहुपक्षीय ढांचा अपनाकर सार्वभौमिक प्रतिबद्धता को पूरा कर सकती हैं.
व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि
विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा कि भारत ने व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) के तहत हथियारों पर प्रतिबंध लगाने वाले प्रस्ताव पर वार्ता में हिस्सा लिया था. लेकिन भारत इस संधि का हिस्सा नहीं बन सकता, क्योंकि यह संधि भारत द्वारा चिह्नित की गईं मूल चिंताओं को दूर नहीं करती.
भारत वैश्विक परमाणु का महत्वपूर्ण साझेदार
विदेश सचिव श्रृंगला ने कहा कि भारत परमाणु हथियारों की टेस्टिंग पर स्वैच्छिक, एकपक्षीय प्रतिबंध के साथ है और लगातार वैश्विक परमाणु सुरक्षा ढांचे में अपना योगदान दे रहा है. भारत वैश्विक परमाणु अप्रसार (नॉन-प्रॉलिफिरिशेन) का महत्वपूर्ण साझेदार है.
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी
भारत ने परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन प्रक्रिया में भाग लिया और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) द्वारा आयोजित परमाणु सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में नियमित रूप से भाग लेता भी रहा है. भारत परमाणु सुरक्षा संपर्क समूह का भी सदस्य है. विदेश सचिव ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को परमाणु हथियारों के नेटवर्क, उनके वितरण प्रणाली, प्रासंगिक टेक्नोलॉजी के अवैध प्रसार पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. विदेश सचिव ने कहा कि भारत ने परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में दुनिया की कोशिशों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और 1954 में परमाणु परीक्षण पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला देश था.
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