इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान जारी किया गया

Mar 11, 2019, 11:10 IST

इस एक्शन प्लान का उद्देश्य समाज को पर्यावरणीय और सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान करते हुए सभी के लिये स्थायी शीतलन और उष्मीय सहूलियत प्रदान करना है.

India Cooling Action Plan Launched by Govt
India Cooling Action Plan Launched by Govt

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री हर्षवर्धन ने हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान (ICAP) जारी किया है. इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान का उद्देश्य पर्यावरण और सामाजिक-आर्थिक लाभों को हासिल करने के लिये कार्यों में तालमेल का प्रयास करना है.

इसके अतिरिक्त इस एक्शन प्लान का उद्देश्य समाज को पर्यावरणीय और सामाजिक-आर्थिक लाभ प्रदान करते हुए सभी के लिये स्थायी शीतलन और उष्मीय सहूलियत प्रदान करना है.

ICAP के प्रमुख लक्ष्य

  • इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान द्वारा अगले 20 वर्षों तक सभी क्षेत्रों में शीतलता से संबंधित आवश्यकताओं से जुड़ी मांग तथा ऊर्जा आवश्यकता का आकलन करना.
  • शीतलता के लिये उपलब्ध तकनीकों की पहचान के साथ ही वैकल्पिक तकनीकों, अप्रत्यक्ष उपायों और अलग प्रकार की तकनीकों की पहचान करना.
  • सभी क्षेत्रों में गर्मी से राहत दिलाने तथा सतत् शीतलता प्रदान करने वाले उपायों को अपनाने के बारे सलाह देना.
  • तकनीशियनों के कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करना.
  • घरेलू वैकल्पिक तकनीकों के विकास हेतु ‘शोध एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र’ को विकसित करना.
  • वर्ष 2037-38 तक विभिन्न क्षेत्रों में शीतलक मांग को 20% से 25% तक कम करना.
  • वर्ष 2037-38 तक रेफ्रीजरेंट डिमांड को 25% से 30% तक कम करना.
  • वर्ष 2037-38 तक शीतलन हेतु ऊर्जा की आवश्यकता को 25% से 40% तक कम करना.
  • वर्ष 2022-23 तक कौशल भारत मिशन के तालमेल से सर्विसिंग सेक्टर के 100,000 तकनीशियनों को प्रशिक्षण और प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराना.



ICAP की आवश्यकता

भारत में बढ़ रहे कार्बन उत्सर्जन के चलते इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान की मांग बढ़ी है. इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान (आईसीएपी) अलग अलग सेक्टरों में कूलिंग को लेकर एक व्यापक दृष्टिकोण के तहत बनाया गया है, जिससे हम 20 साल की समयावधि में कूलिंग की मांग को घटाने, रेफ्रिजरेंट ट्रांजिशन, ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने और बेहतर तकनीक का इस्तेमाल कर सकें.

इसके अलावा कूलिंग मानव स्वास्थ्य और उत्पादकता से भी सीधे जुड़ा हुआ है. सतत विकास के लक्ष्यों से कूलिंग के सीधे संबंध को स्वीकारा जा चुका है. अलग अलग सेक्टर में कूलिंग की प्रकृति और वित्तिय विकास में इसके योगदान ने कूलिंग को विकास की जरूरत बना दिया है.

 

ICAP के लाभ

  • सभी को गर्मी से राहत - हाउसिंग बोर्ड के ईडब्ल्यूएस और एलआईजी घरों में कूलिंग का प्रावधान.
  • सतत कूलिंग - कूलिंग से जुड़े लो जीएचजी उत्सर्जन
  • किसानों की आय दोगुनी - बेहतर कोल्ड चेन की सुविधा, किसानों को अपने उत्पाद की अच्छी कीमत मिलेगी और उत्पाद खराब भी नहीं होगा
  • बेहतर जीवन और पर्यावरण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दक्ष कामगार मौजूद होंगे.
  • मेक इन इंडिया - एयर कंडीशनर और उससे जुड़े कूलिंग सामानों का लिए घरेलू स्तर पर उत्पादन.
  • कूलिंग तकनीक के लिए खोज और विकास का उचित प्रबंध - कूलिंग सेक्टर में नई तकनीक को बढ़ावा मिलेगा.   
Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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