Russia-Ukraine War: भारत सरकार ने यूक्रेन में तेजी से बिगड़ती सुरक्षा स्थिति खासतौर से देश के पश्चिमी हिस्सों में बढ़ते हमलों को देखते हुए भारतीय दूतावास को पोलैंड में अस्थायी रूप से स्थानांतरित करने का फैसला किया है. विदेश मंत्रालय ने 13 मार्च 2022 को यह जानकारी देते हुए कहा है कि आगे होने वाली घटनाओं के आलोक में स्थिति का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यूक्रेन के पश्चिमी भागों में हमलों सहित यूक्रेन में तेजी से बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है कि यहां भारतीय दूतावास को अस्थायी रूप से पोलैंड में स्थानांतरित किया जाएगा. आगे के हालात को देख कर इस पर फिर फैसला लिया जाएगा.
In view of rapidly deteriorating security situation in Ukraine,including attacks in western parts of the country, it has been decided that the Indian Embassy in Ukraine will be temporarily relocated in Poland. The situation will be reassessed in light of further developments: MEA pic.twitter.com/4u3WcsM6jJ
— ANI (@ANI) March 13, 2022
बाहरी इलाकों में गोलाबारी तेज
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रूस ने यूक्रेन के शहरों पर बमबारी तेज कर दी है और देश के दक्षिण में मारियुपोल पर शिकंजा और कसते हुए राजधानी कीव के बाहरी इलाकों में गोलाबारी तेज कर दी है. आपको बता दें कि रूस के आक्रमण से मारियुपोल सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. निरंतर गोलाबारी ने 430,000 की आबादी वाले शहर में भोजन, पानी एवं दवा लाने तथा फंसे हुए नागरिकों को निकालने के प्रयासों को विफल कर दिया है.
यूक्रेन का रूस पर आरोप
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने रूस पर उनके देश को तोड़ने एवं आतंक के एक नए चरण को शुरू करने तथा मारियुपोल के पश्चिम में एक शहर के महापौर को हिरासत में लेने का आरोप लगाया है. जेलेंस्की ने हाल ही में राष्ट्र के नाम अपने संबोधन के दौरान कहा कि यूक्रेन इस परीक्षा में खरा उतरेगा. हमारी धरती पर चल रहे युद्ध का मुकाबला करने हेतु हमें समय और ताकत की जरूरत है.
पूरी दुनिया में महंगाई तेजी से बढ़ रही है
आपको बता दें कि रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण पूरी दुनिया में महंगाई तेजी से बढ़ रही है. रूस-यूक्रेन यूरोप के 'ब्रेड बास्केट' कहे जाते हैं. दुनिया के बाजार में आने वाले गेहूं में 29 प्रतिशत और मक्के में 19 प्रतिशत की हिस्सेदारी यूक्रेन और रूस की है. इस युद्ध के कारण रूस एवं यूक्रेन से गेहूं का निर्यात भी प्रभावित हुआ है. इससे गेहूं महंगा होने लगा है.
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