वर्ष 2018 की पहली तिमाही में ग्रांट थॉर्नटन की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार रिपोर्ट (IBR) के एक भाग के रूप में जारी वैश्विक व्यापार आशावाद सूचकांक में भारत छठे स्थान पर रहा. भारत चार वर्ष तक इस सूची में शीर्ष पर रहा है लेकिन इस वर्ष यह आंकड़ा छठे स्थान पर रहा.
यह रिपोर्ट 37 अर्थव्यवस्थाओं में 2,500 व्यवसायों के सर्वेक्षण के परिणामों के आधार पर तैयार की गई है. रिपोर्ट में शीर्ष पांच राष्ट्र ऑस्ट्रिया, फिनलैंड, इंडोनेशिया, नीदरलैंड और अमेरिका हैं.
भारत के संदर्भ में रिपोर्ट
• इस रिपोर्ट में 89 के स्कोर वाले भारत को इंडेक्स में छठे स्थान पर स्थान मिला.
• भारत चार साल तक चार्ट में सबसे ऊपर रहा है, लेकिन मौजूदा सरकार के कार्यकाल के अंतिम वर्ष में बिगड़ गया.
• भारत का व्यापार आशावाद अन्य मानकों में जैसे राजस्व, कीमत, लाभप्रदता, रोजगार और निर्यात अपेक्षाओं सहित बिक्री आदि में दर्शाया जाता है.
• भारत द्वारा वैश्विक आर्थिक महाशाक्तियों के साथ संबंध सुधारने हेतु किये जा रहे प्रयासों से छठा स्थान मिला अन्यथा रैंकिंग इससे भी नीचे जा सकती थी.
क्या रहे कारण |
भारतीय व्यापार को प्रभावित करने वाले सबसे प्रमुख कारणों में लाल-फीताशाही, कुशल श्रमिकों की अनुपलब्धता, आईसीटी बुनियादी ढांचे की कमी और पूँजी की कमी को सबसे बड़ी बाधाओं के रूप में देखा गया. वर्ल्ड बैंक की व्यापार करने में आसानी की सूची में भारत ने बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन इन आधारभूत लेकिन महत्वपूर्ण बाधाओं को पार करने में अभी भी असफल रहा है. |
ग्रांट थॉर्नटन
ग्रांट थॉर्नटन एक भारतीय संगठन है जो व्यापारिक परिदृश्यों को समझने के लिए सर्वेक्षण एवं रिपोर्ट्स जारी करती है जिससे व्यापारिक लाभ के साथ-साथ वास्तविक स्थिति का भी पता लगता है. यह एक निजी फर्म है जो कम्पनियों को एडवाइजरी, कॉरपोरेट फाइनेंस, व्यापार के जोखिम के प्रबंधन, रणनीतिक योजनाओं आदि में सहायता प्रदान करती है. इसका मुख्यालय हरियाणा स्थित गुडगांव में है.
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