केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 29 जून को यह कहा कि, भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान का प्रक्षेपण मौजूदा कोविड -19 महामारी से प्रभावित नहीं होगा और इस मिशन की तैयारियां सही दिशा में चल रही हैं.
मंत्री ने इसरो गतिविधियों में निजी भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए कैबिनेट के फैसले के बारे में भी विस्तार से बताया. उन्होंने कहा कि नियामक निकाय 'IN-SPACe' निजी भागीदारों को समान अवसर प्रदान करेगा और उनकी भागीदारी को प्रोत्साहन देगा.
अपने संक्षिप्त बयान में उन्होंने आश्वासन दिया कि पूर्व योजना के मुताबिक, गगनयान का प्रक्षेपण वर्ष 2022 में भारत की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ से पहले होगा.
पूर्व योजना के अनुसार ही होगा गगनयान का प्रक्षेपण
गगनयान मिशन के बारे में बात करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने यह बताया है कि, भले ही रूस में चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों का प्रशिक्षण कोविड -19 की वजह से रुक गया था, फिर भी वैज्ञानिक टीम और इसरो के अध्यक्ष की राय है कि, प्रशिक्षण कार्यक्रम और लॉन्च की समय सीमा के बीच सामंजस्य की काफी गुंजाइश है.
वर्तमान में, अंतरिक्ष यात्रियों के प्रशिक्षण को फिर से शुरू कर दिया गया है और सरकार की पूर्व योजना के अनुसार ही यह लॉन्च किया जायेगा.
डॉ. जितेंद्र सिंह ने अंतरिक्ष विभाग और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की पिछले एक साल की उपलब्धियों के साथ-साथ कुछ महत्वपूर्ण भावी मिशनों की भी जानकारी दी.
इसरो के विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे निजी भागीदार
मंत्री ने इसरो में निजी भागीदारी की भूमिका पर विस्तार से बताया और यह कहा कि इस निर्णय से हमारे अंतरिक्ष अभियानों के संसाधनों और क्षमता में वृद्धि होगी. निजी भागीदारों की बढ़ी हुई भागीदारी ऐसे प्रतिभाशाली अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को विदेश जाने से रोकेगी जो एक बड़े ब्रेक की तलाश में भारत से किसी अन्य देश में चले जाते हैं.
चंद्र मिशन ‘चंद्रयान - 3’ के बारे में जानकारी
डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में, इसे वर्ष 2021 में लॉन्च करने की योजना है. इस चंद्र मिशन में रोवर, लैंडर और मॉड्यूल को ले जाने के लिए एक संचालक प्रणाली शामिल होगी लेकिन, इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा क्योंकि पिछला ऑर्बिटर पूरी तरह से चालू है.
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