भारत ईरान और रूस के दो दिवसीय नौसैनिक अभ्यास में शामिल हो गया है, जिसे 'ईरान-रूस समुद्री सुरक्षा बेल्ट 2021' के तौर पर नाम दिया गया है. नौसेना का यह अभ्यास हिंद महासागर के उत्तरी भाग में हो रहा है.
ईरानी सेना और इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स - IRGC के नौसेना डिवीजनों के बलों और जहाजों ने इस ड्रिल में भाग लिया, जो 16 फरवरी, 2021 को रूसी सेना के कई जहाजों के साथ शुरू हुई थी.
इस ड्रिल के प्रवक्ता, घोलमरेजा तहनी ने यह बताया कि, भारतीय नौसेना भी जहाजों के एक चुनिंदा समूह के साथ इस नौसैनिक अभ्यास में शामिल हो गई है.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि, ईरान ने रूस के साथ जो अभ्यास किया है वह इतना लचीला है कि अगर कई अन्य देश ऐसा करना चाहते हैं तो वे देश भी इस नौसेना अभ्यास में शामिल हो सकते हैं. इस बीच, ईरानी सेना के कमांडर, होसैन खानज़ादी ने यह कहा कि, चीनी सेना भी इस नौसेना अभ्यास में भाग लेगी.
Asia United: #India has requested to join #Iran and #Russia in the ongoing #MaritimeSecurity2021 exercise in the Indian Ocean.#China is set to join after the Chinese New Year celebrations.
— Iran Military (@Iran_Military) February 16, 2021
Iran has also sent a delegation to #Pakistan's #AmanExercise2021 naval exercise. pic.twitter.com/S91PDrr7Gj
ड्रिल के बारे में
यह ड्रिल 17,000 वर्ग किमी के क्षेत्र को कवर करेगी. इस ड्रिल में आगे हवाई लक्ष्य, समुद्र में शूटिंग, अपहृत जहाजों को मुक्त करने के साथ-साथ बचाव और खोज और एंटी-पाइरेसी ऑपरेशन शामिल होंगे.
होसैन खानजादी ने इस नौसैनिक अभ्यास पर एक टिप्पणी करते हुए यह कहा कि, इस अभ्यास का यह मतलब है कि, वैश्विक दंभ जो आज तक इस क्षेत्र पर हावी था, उसे इस बात का एहसास होना चाहिए कि उन्हें अब इसे छोड़ने होगा.
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