जनशक्ति के क्षेत्र में सहयोग का विस्तार करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत पहली भारत-जॉर्डन संयुक्त कार्य समूह (JWG) की बैठक 10 मार्च, 2021 को एक वीडियो सम्मेलन के माध्यम से आयोजित की गई.
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव (OIA-I) अब्बगानी रामू ने किया. जॉर्डन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अब्दुल्ला अल जबोर, संचालन मामलों के सहायक महासचिव, श्रम मंत्रालय, जॉर्डन के हसमाईट किंगडम द्वारा किया गया था.
उद्देश्य
भारत-जॉर्डन संयुक्त कार्य समूह की बैठक से इन दोनों देशों को श्रम और जनशक्ति सहयोग से संबंधित मुद्दों पर पारस्परिक चर्चा और समीक्षा करने का अवसर मिला.
मुख्य विशेषताएं
• दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने श्रमिकों के अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी सुरक्षा के लिए संस्थागत उपायों पर और श्रमिक मुद्दों का निपटान करने के लिए अपनी सहमति व्यक्त की.
• वे दोनों देशों के बीच सकुशल और सुरक्षित तरीके से लोगों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने पर भी सहमत हुए.
• ये दोनों पक्ष एक समिति बनाने के लिए भी सहमत हुए जिसमें श्रम मंत्रालय, जॉर्डन के हाशमाइट साम्राज्य और अम्मान, जॉर्डन में भारत के दूतावास के अधिकारी शामिल होंगे.
• यह समिति समान मुद्दों के समाधान के लिए नियमित रूप से बैठक करेगी.
• जॉर्डन के प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय श्रमिकों और पेशेवरों सहित क्षेत्रीय विकास में उनके योगदान के प्रति सकारात्मक भावना व्यक्त की.
• इस बैठक का निष्कर्ष निकालते हुए, यह निर्णय लिया गया कि, अगली बैठक भारत में पारस्परिक रूप से सहमत तारीखों पर आयोजित की जाएगी.
भारत और जॉर्डन के आपसी संबंध
• भारत और जॉर्डन ने वर्ष, 1947 में सहयोग और मैत्रीपूर्ण संबंधों के लिए अपने पहले द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इस समझौते को वर्ष, 1950 में औपचारिक रूप दिया गया जब भारत एक गणराज्य बना और इसके बाद इन् दोनों देशों के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित हुए.
• इन दोनों देशों ने कई उच्च-स्तरीय यात्राओं का आयोजन किया है. प्रणब मुखर्जी अक्टूबर, 2015 में जॉर्डन जाने वाले पहले भारतीय राष्ट्रपति बने थे.
• जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय बिन अल-हुसैन ने फरवरी, 2018 में भारत-जॉर्डन बिजनेस फोरम द्वारा आयोजित सीईओ गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत में अपनी दूसरी यात्रा संपन्न की और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.
• इराक, सऊदी अरब और चीन के बाद भारत जॉर्डन का चौथा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है. इन दोनों देशों के बीच व्यापार वर्ष, 1976 के द्विपक्षीय समझौते के अनुसार प्रबंधित किया जाता है.
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