भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी अनंत नागेश्वरन (V Anantha Nageswaran) ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 या 2026-27 तक भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है. सीईए वी अनंत नागेश्वरन ने उम्मीद जताई कि यदि 8 से 9 फीसदी की सतत वृद्धि जारी रहती है तो भारत वित्त वर्ष 2025-26 तक या इसके अगले वित्त वर्ष में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है.
बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मीडिया से बातचीत के दौरान वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि डॉलर के लिहाज से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पहले ही तीन हजार अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर चुका है. उन्होंने कहा कि अगर हम आठ से नौ प्रतिशत वास्तविक जीडीपी को कायम रख पाते हैं तो यह डॉलर के आधार पर आठ प्रतिशत जीडीपी वृद्धि होगी.
मुख्य बिंदु
• बता दें कि साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्त वर्ष 2024-25 तक भारत को 5 ट्रिलियन अमरीकी डॉलर की अर्थव्यवस्था और वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनाने की कल्पना व्यक्त की थी.
• भारत इसके साथ ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के 9.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में 8-8.5 फीसदी जीडीपी रहने का अनुमान है.
• वहीं, जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष 2023-24 में 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है. हालांकि, आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में कोरोना महामारी से उत्पन्न हुई चुनौतियों एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था और मुद्रास्फीति में अनिश्चितताओं का भी उल्लेख किया गया है.
• वित्त मंत्री ने कहा कि निवेश को बढ़ावा देने हेतु वित्त वर्ष 2022-23 में राज्यों को एक लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि राज्यों को वित्त वर्ष 2022-23 में राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के चार फीसदी तक राजकोषीय घाटे की अनुमति होगी.
• कोरोना महामारी के प्रकोप तथा उसकी रोकथाम हेतु लागू किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 6.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.
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