विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 138वें स्थान पर
भारत 2017 में 136 वें स्थान पर था और अब दो अंक कम होकर 138 पर पहुंच गया है. इस सर्वेक्षण में कुल 180 देशों को शामिल किया गया है.

अंतरराष्ट्रीय संस्था, रिपोर्टर्स विदऑउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) द्वारा 25 अप्रैल 2018 को विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक-2018 रिपोर्ट जारी की गयी. इस रिपोर्ट में भारत की रैकिंग पिछले वर्ष की तुलना में दो स्थान गिरकर 138वें स्थान पर पहुंच गई है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सोशल मीडिया नेटवर्क द्वारा पत्रकारों के खिलाफ नफरत फैलाई जा रही है तथा उनके खिलाफ हिंसक घटनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है.
भारत के संदर्भ में रिपोर्ट
• भारत 2017 में 136 वें स्थान पर था और अब दो अंक कम होकर 138 पर पहुंच गया है. इस सर्वेक्षण में कुल 180 देशों को शामिल किया गया है.
• सर्वेक्षण के अनुसार मौजूदा केंद्र सरकार के समर्थकों द्वारा सोशल नेटवर्क पर पत्रकारों पर निशाना साधा जाता है और नफरत वाले बयानों को बढ़ावा दिया जाता है.
• कट्टरवादी राष्ट्रवादियों के ऑनलाइन अभियानों का पत्रकार तेजी से निशाना बन रहे हैं. साथ ही कट्टर राष्ट्रवादी शारीरिक हिंसा की धमकी देते हैं.
• सरकार के अत्यधिक आलोचक पत्रकारों को चुप कराने के लिए अभियोग का भी इस्तेमाल किया गया. कुछ अभियोग पक्ष ने दंड संहिता की धारा 124ए का हवाला दिया, जिसके तहत ‘राज द्रोह’ की सजा उम्र कैद है.
• वर्ष 2017 में तीन पत्रकारों की हत्या की गई जिनमें संपादक गौरी लंकेश भी शामिल हैं. इन पत्रकारों को इनकी रिपोर्ट के कारण निशाना बनाया गया.
• मार्च 2018 में तीन अन्य पत्रकारों को उनके पेशेवर कार्यों के चलते मार डाला गया.
• कश्मीर में स्थानीय मीडिया के लिए काम करने वाले पत्रकारों को केंद्र सरकार की सहमति पर तैनात सैनिकों द्वारा निशाना बनाया गया.
वैश्विक संदर्भ में रिपोर्ट
• रिपोर्ट में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस व चीन पर मीडिया विरोधी रवैया अपनाने व सक्रिय रूप से प्रेस की आजादी पर नियंत्रण की मांग करने का आरोप लगाया गया है.
• इस रिपोर्ट में उत्तर कोरिया अंतिम 180वें स्थान पर है जहां प्रेस की स्वतंत्रता पूरी तरह से सरकार के हाथों में बताई गई है.
• सूची में संयुक्त राज्य अमेरिका 45वें स्थान पर है तथा उसे 23.73 अंक प्राप्त हुए हैं.
• इसी प्रकार रूस इस सूची में 148वें स्थान पर है तथा इसे 49.96 अंक प्राप्त हुए हैं.
• रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोप में पहले की तुलना में पत्रकारों पर हमले बढ़े हैं जो प्रेस की स्वतंत्रता के लिए चिंता का विषय है.
• रिपोर्ट में कहा गया है तुर्की (157) एवं मिस्र (161) कुछ चुनिंदा देशों में शामिल हैं जहां पत्रकारों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं.
• यूरोप में पत्रकारों के खिलाफ राजनेताओं के मौखिक हमलों में बढ़ोतरी को भी स्वीकारा गया है.
• रिपोर्ट में कहा गया है कि स्लोवाकिया (27) के रिपोर्टर जेन कॉसिएक की फरवरी 2018 में उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई जबकि इसके चार महीने पहले यूरोपियन पत्रकार कारुअना गलिज़िया की माल्टा में कार बॉम्बिंग द्वारा हत्या की गई थी.
• चीन (176) द्वारा समाचारों पर पूरा नियंत्रण रखा जा रहा है जिसके चलते देश में प्रेस की स्वतंत्रता हमेशा की तरह बंदिश में है.
प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में टॉप-10 देश
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सबसे कम प्रेस स्वतंत्रता वाले 10 देश
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नॉर्वे (1)
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उत्तर कोरिया (180)
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स्वीडन (2)
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एरिट्रिया (179)
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नीदरसलैंड (3)
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तुर्कमेनिस्तान (178)
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फ़िनलैंड (4)
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सीरिया (177)
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स्विट्ज़रलैंड (5)
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चीन (176)
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जमैका (6)
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वियतनाम (175)
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बेल्जियम (7)
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सूडान (174)
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न्यूज़ीलैण्ड (8)
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जिबूती (173)
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डेनमार्क (9)
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क्यूबा (172)
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कोस्टा रिका (10)
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भूमध्यवर्ती गिनी (171)
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रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (Reporters Without Borders)
• यह एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संस्था है जो प्रेस की स्वतंत्रता के लिए कार्य करती है.
• यह संस्था मीडिया पर विश्व भर में होने वाले हमलों पर नज़र रखती है.
• विभिन्न देशों में सरकारों के साथ मिलकर उन देशों में प्रेस की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए कार्य करती है.
• इसकी स्थापना 1985 में रोबर्ट मेनार्ड द्वारा की गई थी. इसका मुख्यालय पेरिस में है. जबकि इसके अन्य कार्यालय बर्लिन, ब्रसेल्स, जिनेवा, मेड्रिड, रोम, स्टॉकहोम आदि स्थानों पर भी हैं.
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