विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक समावेशी विकास सूचकांक में भारत को 60वें स्थान पर रखा गया है. मंच की 'समावेशी वृद्धि एवं विकास रिपोर्ट 2017' 16 जनवरी 2017 को जारी की गई.
इस सूचकांक में भारत के पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान से भी नीचे रखा गया है. यह सूचकांक 12 संकेतकों पर आधारित है.
इस सूचकांक में 79 विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में लिथुआनिया पहले स्थान पर है. इसके बाद अजरबाइजान और हंगरी क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं.
भारत को इस सूचकांक में 60वें स्थान पर रखा गया है. इसमें पोलैंड चौथे स्थान पर, रोमानिया पांचवें स्थान पर, उरुग्वे छठें स्थान पर, लताविया सातवें स्थान पर, पनामा आठवें, कोस्टा रिका नौंवे तथा चिली 10वें स्थान पर है. रूस 13वें स्थान पर एवं ब्राजील 30वें स्थान पर है.
हालांकि भारत का पड़ोसी देश चीन 15वें स्थान पर, नेपाल 27वें स्थान पर , बांग्लादेश 36वें स्थान पर और पाकिस्तान 52वें स्थान पर है. यानी इन सभी पड़ोसी देशों का प्रदर्शन भारत से बेहतर हैं.
इसके मुताबिक ज्यादातर देश आर्थिक वृद्धि मजबूत करने और असमानता घटाने के महत्वपूर्ण अवसरों से चूके हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि नीति निर्धारक सालों साल से जिस वृद्धि मॉडल और आकलन उपकरणों का अनुपालन कर रहे हैं उनमें महत्वपूर्ण बदलाव की जरूरत है.
विश्व आर्थिक मंच की समावेशी विकास रिपोर्ट 2017 में बताया गया है कि ज्यादातर देश आर्थिक तरक्की के महत्वपूर्ण अवसरों का लाभ नहीं उठा रहे हैं और साथ ही विकास मॉडल और मूल्यांकन उपायों की विषमता पर कम ध्यान दे रहे है.
रिपोर्ट के अनुसार ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि नीति नियंता कई वर्षों से जिस वृद्धि मॉडल का प्रयोग कर रहे हैं, वो पुराने हो चुके हैं और उनमें बदलाव की जरूरत है.
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