ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स में भारत 112वें स्थान पर: WEF रिपोर्ट

Dec 17, 2019, 15:32 IST

आइसलैंड लैंगिक असमानता के मामले में विश्व का सबसे बेहतर देश बना हुआ है. इस देश में महिलाओं के साथ किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होता है.

WEF-Gender-Gap-Index
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वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की वर्ष 2019 की लैंगिक असमानता (Gender Gap) रिपोर्ट में भारत को 112वां स्थान प्राप्त हुआ है. भारत लिंग असामनता के मामले में साल 2018 के मुकाबले चार रैंक पिछड़ गया है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) ने हाल ही में यह रिपोर्ट जारी की.

आइसलैंड लैंगिक असमानता के मामले में विश्व का सबसे बेहतर देश बना हुआ है. इस देश में महिलाओं के साथ किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं होता है. डब्लूईएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि विश्वभर में लिंगभेद कम तो हो रहा है लेकिन अभी भी महिलाओं एवं पुरुषों के बीच स्वास्थ्य, शिक्षा, कार्यालय तथा राजनीति में भेदभाव मौजूद है.

मुख्य बिंदु:

• वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की जेंडर गैप रिपोर्ट के अनुसार चीन 106वें स्थान पर, श्रीलंका 102वें स्थान पर, नेपाल 101वें स्थान पर, ब्राजील 92वें स्थान पर, इंडोनेशिया 85वें स्थान पर और बांग्लादेश 50वें स्थान पर हैं. वहीं यमन 153वें स्थान पर, ईराक 152वें स्थान पर और पाकिस्तान 151वें स्थान पर है.

• रिपोर्ट के अनुसार, देश में शिक्षा, स्वास्थ्य, काम और राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं और पुरुषों में अभी भी असमानता है. हालांकि, साल 2018 में स्थिति थोड़ी बेहतर हुई थी.

• डब्ल्यूईएफ ने कहा कि राजनीति में महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार देखा जा सकता है. राजनीतिक असमानता को खत्म होने में लगभग 95 साल लगेंगे. पिछले साल कहा जा रहा था कि इसमें लगभग 107 साल लग सकता है.

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रिपोर्ट में भारत

• डब्ल्यूईएफ ने साल 2006 में जेंडर गैप को लेकर पहली बार रिपोर्ट पेश की थी. भारत उस समय 98वें स्थान पर था.

• भारत चार मानकों में तीन पर पिछड़ गया है. भारत तब से पिछड़ते जा रहा है. भारत राजनीतिक सशक्तीकरण में 18वें स्थान पर है.

• भारत स्वास्थ्य के मामले में 150वें स्थान पर, आर्थिक भागीदारी और अवसर के मामले में 149वें स्थान पर और शिक्षा पाने के मामले में 112वें स्थान पर है.

• रिपोर्ट के अनुसार, भारत में महिलाओं के लिए आर्थिक अवसर बेहद सीमित हैं. यह भारत में 34.5 फीसदी, पाकिस्तान में 32.7 फीसदी, यमन में 27.3 फीसदी और इराक में 22.7 फीसदी है.

• रिपोर्ट के अनुसार, कंपनियों में महिलाओं के प्रतिनिधित्व वाले देशों में भी भारत (13.8 फीसदी) काफी पीछे है.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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