भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने 30 जुलाई, 2021 को वैश्विक विकास के लिए त्रिकोणीय सहयोग पर मार्गदर्शक सिद्धांतों के वक्तव्य (SGP) में दूसरे संशोधन पर हस्ताक्षर कर दिए हैं.
विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके यह कहा है कि, भारत में इस दूसरे संशोधन पर विदेश मंत्रालय में विकास भागीदारी प्रशासन - द्वितीय डिवीजन की संयुक्त सचिव, अभिलाषा जोशी और यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) के कार्यवाहक मिशन निदेशक करेन क्लिमोस्की ने हस्ताक्षर किए.
महत्त्व
इस समझौते में उल्लिखित मार्गदर्शक सिद्धांतों के वक्तव्य (SGP) समझौते पर इससे पहले नवंबर, 2014 में हस्ताक्षर किए गए थे. यह समझौता वैश्विक स्थिरता और समृद्धि के लिए भारत और अमेरिका की साझेदारी के योगदान को रेखांकित करता है.
ये मार्गदर्शक सिद्धांत भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक ढांचा प्रदान करते हैं ताकि साझेदार देशों के द्वारा, विशेष रूप से एशिया और अफ्रीका के विकास की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सके.
SGP समझौते में दूसरा संशोधन
• वैश्विक विकास के लिए इस त्रिकोणीय सहयोग समझौते की वैधता को वर्ष, 2026 तक बढ़ाने के लिए SGP समझौते में दूसरे संशोधन पर हस्ताक्षर किए गए.
• इस समझौते का विस्तार, इस ढांचे के तहत भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से किए गई क्षमता निर्माण गतिविधियों के दायरे का विस्तार करता है.
• इस त्रिकोणीय सहयोग समझौते के तहत, भारत और अमेरिका कई क्षेत्रों में भागीदार देशों को क्षमता निर्माण सहायता की पेशकश जारी रखने के लिए सहमत हुए हैं.
• मुख्य रूप से स्वास्थ्य, पोषण, कृषि, शिक्षा और संस्थान निर्माण, स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा, महिला सशक्तिकरण, जल, स्वच्छता, आपदा के लिए पूर्व-तैयारी, क्षेत्रीय संपर्क और व्यापार एवं निवेश पर ध्यान दिया जाएगा.
उद्देश्य
इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों की एक साथ काम करने की संयुक्त प्रतिबद्धता को पूरा करना और मांग-संचालित विकास साझेदारी प्रदान करने के लिए अपनी संयुक्त क्षमताओं का उपयोग करना है.
यह समझौता भारत की अन्य मौजूदा साझेदारी योजनाओं और भविष्य की विकास साझेदारी, क्षमता निर्माण और तकनीकी सहायता के साथ-साथ दुनिया भर के देशों का समर्थन करेगा.
पृष्ठभूमि
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की बाइडेन प्रशासन के प्रतिनिधि के तौर पर पहली भारत यात्रा के बाद, इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. ब्लिंकन ने अपने भारतीय समकक्ष, विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बातचीत की.
उन्होंने रक्षा, व्यापार और निवेश, समुद्री सुरक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को गहरा करने के लिए अपने देश की मजबूत प्रतिबद्धता भी व्यक्त की.
स्रोत: विदेश मंत्रालय
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