भारतीय सेना AK-203 असॉल्ट राइफलों की खरीद हेतु रूस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए पूरी तरह तैयार है. योजना के अनुसार, पहले चरण में एक लाख राइफलें रूस से आयात की जाएंगी, जबकि शेष 6.5 लाख राइफलें भारत में निर्मित की जाएंगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 03 मार्च 2019 को उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में भारत-रूस के आयुध कारखाने का उद्घाटन किया था. भारत-रूस (इंडो-रशिया) राइफल प्राइवेट लिमिटेड भारत की आयुध फैक्टरी और रूस के प्रतिष्ठान का संयुक्त परियोजना है.
कोरवा आयुध फैक्टरी में प्रतिष्ठित कलाशनिकोव (AK-203) राइफलों की नवीनतम श्रेणियां बनाई जाएंगी. यह संयुक्त उद्यम देश में शस्त्र सेनाओं को सहायता देगा तथा राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूती प्रदान करेगा. रूस के सहयोग से अमेठी में AK- 203 मॉर्डन राइफल बनाने का काम शुरू किया जायेगा.
AK-203 राइफल की विशेषताएं
• यह AK सीरीज़ की सबसे आधुनिक एवं भरोसेमंद राइफल मानी जाती है.
• यह कंटवर्टेबल राइफल है. इसे सैमी ऑटोमेटिक तथा ऑटोमैटिक तरीके से उपयोग किया जा सकता है.
• मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई असॉल्ट राइफल की लंबाई करीब 3.25 फुट होगी तथा गोलियों से भरी राइफल का वजन लगभग 4 किलोग्राम होगा.
• AK-47 सबसे बेसिक मॉडल है इसके बाद AK में 74, 56, 100 सीरीज, 200 सीरीज आ चुकी हैं.
• जवानों के लिए यह किसी भी ऑपरेशन में इजी टू हैंडल होगी. यह नाइट ऑपरेशन में भी बहुत कारगर होगी.
• इस राइफल से एक मिनट में 600 गोलियां दागी जा सकेंगी अर्थात् एक सेकंड में दस गोलियां चलाई जा सकेंगी.
• AK-203 मात्र आठ से नौ पुर्जों से मिलकर बनी होगी तथा इसे मात्र एक मिनट में दोबारा संगठित किया जा सकेगा.
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अमेठी में आयुध फैक्ट्री का विवरण
भारतीय सेना को कोरवा आयुध फैक्टरी द्वारा AK-47 राइफल का आधुनिक संस्करण AK–203 प्रदान किया जाएगा. भारत ने इस उत्पादन के लिए रूस के साथ समझौता किया है. इस समझौते के मुताबिक, रूस के सहयोग से भारत में 07 लाख 50 हजार (7,50,000) असॉल्ट राइफलें बनेंगी. भारतीय सेना की पुरानी इंसास राइफलों को AK-203 असॉल्ट राइफलों से बदला जाएगा.
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