तूतीकोरन स्थित भारत की एक फर्म द्वारा कार्बन अवशोषण में पूर्ण सफलता प्राप्त की गयी. औद्योगिक इकाईयों से होने वाला कार्बन उत्सर्जन मनुष्य स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
तूतीकोरन औद्योगिक बंदरगाह पर मौजूद तूतीकोरन अल्काली केमिकल्स द्वारा अपने ही कोयला आधारित बॉयलर से होने वाले कार्बन उत्सर्जन का पूर्ण अवशोषण करके उसे बेकिंग पाउडर बनाया गया.
इस तकनीक के लिए सरकार से किसी प्रकार की सहायता नहीं दी जाती लेकिन इससे प्रदेश के सैंकड़ों लोगों को लाभ होगा.
मुख्य बिंदु
• तूतीकोरन फर्म के अनुसार इस औद्योगिक ईकाई में प्रतिवर्ष 60 हज़ार टन उत्सर्जित कार्बन को अवशोषित करके बेकिंग पाउडर बनाया जाता है.
• फर्म को इस तकनीक के लिए विश्व भर से आवेदन प्राप्त हो रहे हैं.
• कार्बन उत्सर्जन के लिए विश्व भर में भूमिगत चट्टानों में कार्बन उत्सर्जन करने के लिए विचार चल रहा है लेकिन इसका उपयोग बेकिंग सोडा बनाकर किया जाना इस क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करता है.
• औद्योगिक पैमाने पर इस कदम के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि अमेरिका और फ्रांस की औद्योगिक ईकाईयो ने भी इस पद्धति को जानने में इच्छा जाहिर की है.
• औद्योगिक ईकाई के प्रबंध निदेशक रामचंद्रन गोपालन के अनुसार उनके प्लांट से हवा और पानी में शून्य कार्बन उत्सर्जन किया जा रहा है.
कार्बन उत्सर्जन में भारत की स्थिति
कार्बन उत्सर्जन में भारत चौथे स्थान पर आता है.विश्व बैंक के वर्ष 2011 के आंकड़ों के अनुसार चीन, अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, भारत, रूस, जापान एवं कनाडा विश्व के सबसे अधिक कार्बन उत्सर्जन करने वाले देश हैं. भारत द्वारा प्रतिवर्ष 1.67 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन किया जाता है.
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