भारत और जेआईसीए के बीच ऋण समझौता पर हस्ताक्षर

Jan 19, 2019, 14:10 IST

जापान के सरकारी विकास सहायता ऋण कार्यक्रम के अंतर्गत नई दिल्‍ली में भारत सरकार और जेआईसीए के बीच ऋण समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए गए. भारत और जापान के बीच 1958 से ही द्विपक्षीय विकास सहयोग का लम्‍बा इतिहास रहा है.

Indian Govt and Japanese agency JICA sign loan agreements
Indian Govt and Japanese agency JICA sign loan agreements

जापान के सरकारी विकास सहायता ऋण कार्यक्रम के अंतर्गत 18 जनवरी 2019 को नई दिल्‍ली में भारत और जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए) के बीच ऋण समझौतों पर हस्‍ताक्षर किए गए. यह ऋण जापान ऑफिशिएल डेवलपमेंट असिस्टेंस लोन प्रोग्राम के तहत दिया जाएगा.

इस समझौता पर वित्‍त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के अपर सचिव डॉ सी एस महापात्र तथा जापानी अधिकारिक विकास सहायता ऋण पर जेआईसीए नई दिल्‍ली के मुख्‍य प्रतिनिधि कतसुओ मत्‍सुमोतो ने हस्‍ताक्षर किए.

 

जापान द्वारा ऋण:

जापान द्वारा यह ऋण 40.074 बिलियन जापानी येन (लगभग 2470 करोड़ रुपये) की लागत से चेन्‍नई बाहरी रिंग रोड (चरण-1) के निर्माण के तथा 15000 बिलियन जापानी येन (लगभग 950 करोड़ रुपये) की भारत में सतत विकास लक्ष्‍यों की दिशा में जापान-भारत सहकारी कार्य के लिए है.

 

परियोजना का उद्देश्‍य:

चेन्‍नई बाहरी रिंग रोड (चरण-1) निर्माण परियोजना का उद्देश्‍य चेन्‍नई महानगर क्षेत्र में बढ़ते यातायात मांग को पूरा करना है, जिसे चेन्‍नई बाहरी रिंग रोड (सेक्‍टर-1) बनाकर तथा इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट प्रणाली स्‍थापित करके किया जा सकता है. इससे यातायात भीड़-भाड़ में कम होगी और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.

जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जेआईसीए):

जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी एक सरकारी एजेंसी है जो जापान सरकार के लिए आधिकारिक विकास सहायता का समन्वय करती है. यह विकासशील देशों में आर्थिक और सामाजिक विकास तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण काम करता है.

 

जापान-भारत सहकारी कार्यों का उद्देश्‍य:

भारत में सतत विकास लक्ष्‍यों (एसडीजी) की दिशा में जापान-भारत सहकारी कार्यों का उद्देश्‍य भारत में एसडीजी के प्रोत्‍साहन में योगदान करना, विशेषकर भारत सरकार के प्रयासों को समर्थन देकर सामाजिक विकास करना और नीति निर्माण तथा क्रियान्‍वयन व्‍यवस्‍था को मजबूत बनाना है. इससे 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्‍त करने में भारत को मदद मिलेगी.

 

भारत-जापान सम्बन्ध:

भारत और जापान का 1958 से ही द्विपक्षीय विकास सहयोग में दीर्घकालिक और लाभदायक इतिहास रहा है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत और जापान में आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में बहुत प्रगति हुई है. इससे भारत और जापान में रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी को और मजबूत बनाने मे मदद मिलेगी.

भारत और जापान के सम्बन्ध हमेशा से काफ़ी मजबूत और स्थिर रहे हैं. जापान की संस्कृति पर भारत में जन्मे बौद्ध धर्म का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है. भारत के स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान भी जापान की शाही सेना ने सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज को सहायता प्रदान की थी. भारत की स्वतंत्रता के बाद से भी अब तक दोनों देशों के बीच मधुर सम्बन्ध रहे हैं.

जापान की कई कम्पनियाँ जैसे कि सोनी, टोयोटा और होंडा ने अपनी उत्पादन इकाइयाँ भारत में स्थापित की हैं और भारत की आर्थिक विकास में योगदान दिया है. इस क्रम में सबसे अभूतपूर्व योगदान है वहाँ की मोटर वाहन निर्माता कंपनी सुज़ुकी का जो भारत की कंपनी मारुति सुजुकी के साथ मिलकार उत्पादन करती है और भारत की सबसे बड़ी मोटर कार निर्माता कंपनी है.

 

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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