Indian Navy की बढ़ी ताकत, युद्धपोत ‘हिमगिरि' का कोलकाता में जलावतरण

जीआरएसइ को परियोजना 17ए के तहत 19,294 करोड़ रुपये में तीनों युद्धपोतों के निर्माण का ठेका मिला है. नौसेना को साल 2023 में पहला युद्धपोत हिमगिरि मिलने की उम्मीद है.

Dec 16, 2020, 15:00 IST
INS Himgiri
INS Himgiri

भारतीय नौसेना की शक्ति बढ़ाने वाला पोत ‘हिमगिरि' 14 दिसंबर 2020 को नौसेना में शामिल हो गया. रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम गार्डेनरीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (जीआरएसइ) द्वारा प्रोजेक्ट 17ए के तहत निर्मित रडार की नजरों से बच सकने वाले पहले युद्धपोत आइएनएस हिमगिरि का जलावतरण कोलकाता में किया गया.

इस मौके पर मुख्य अतिथि सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा कि भारतीय नौसेना की शक्ति और बढ़ाने वाला पोत हिमगिरि नौसेना की रक्षा तैयारियों को और मजबूती प्रदान करेगा. बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत के हाथों हुगली नदी के किनारे स्थित जीआरएसइ यार्ड में इस युद्धपोत का जलावतरण किया गया.

2023 में पहला युद्धपोत हिमगिरि मिलने की उम्मीद

जलावतरण के बाद यह अत्याधुनिक नौसैन्य पोत गहन परीक्षण से गुजरेगा और उसके बाद इसे नौसेना को सौंपा जाएगा. भारतीय नौसेना के अनुसार, 17ए प्रोजेक्ट के तहत ऐसे तीन युद्धपोतों का निर्माण किया जा रहा है जिनको दुश्मन की रडार भी टै्रक नहीं कर सकेगी.

जीआरएसइ को परियोजना 17ए के तहत 19,294 करोड़ रुपये में तीनों युद्धपोतों के निर्माण का ठेका मिला है. नौसेना को साल 2023 में पहला युद्धपोत हिमगिरि मिलने की उम्मीद है जबकि दो अन्य साल 2024 और साल 2025 में सौंपे जाएंगे.

युद्धपोत की खासियत

इन तीनों युद्धपोतों की सबसे बड़ी खासियत है कि ये अत्याधुनिक संसाधनों जैसे बराक-8 मिसाइल और हायपरसोनिक ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों से लैस होंगे.

इन युद्धपोतों की लंबाई 149 मीटर और वजन क्षमता लगभग 6670 टन है जबकि इसकी रफ्तार 28 समुद्री मील प्रति घंटा होगी.

ये अत्याधुनिक स्वचालित एकीकृत हथियार प्लेटफॉर्म से युक्त मल्टी रोल वाले पी-17 युद्धपोत भारतीय नौसेना को समुद्र में बाकी देशों के मुकाबले बढ़त दिलाने वाले हैं.

यह युद्धपोत पूरी तरह स्वदेशी है और मेक इन इंडिया के तहत इसका निर्माण किया गया है. बेड़े में शामिल किए जाने से पहले इन तीनों युद्धपोतों को लंबी प्रक्रिया से गुजरना होगा. इस युद्धपोत को दुश्मन के रडार भी टै्रक नहीं कर सकेगी.

तय समय सीमा से 2 महीने पहले तैयार

जीआरएसई ने कोविड-19 के असर के बावजूद पहले युद्धपोत को तय समय सीमा से 2 महीने पहले तैयार किया है. बताया गया है कि पहले पोत के जलावतरण के बाद यह विभिन्न परीक्षणों से गुजरेगा और इसमें अत्याधुनिक उपकरण लगाये जायेंगे, जिसके बाद इसे नौसेना को सौंपा जायेगा. जीआरएसई को 15 युद्धपोत बनाने का ऑर्डर मिला है, जिसका कुल ऑर्डर वैल्यू 26,189 करोड़ रुपये है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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