ट्रयूकॉलर द्वारा हाल ही में कराये गये सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि अवांछित या स्पैम कॉल से प्रभावित देशों की सूची में भारत प्रथम स्थान पर है. भारत में लोग बैंक से लोन, क्रेडिट कार्ड, फोन कनेक्शन बदलने तथा सस्ते डेटा की जानकारी देने वाली अवांछित कॉल से परेशान पाए गये.
ट्रयूकॉलर के अनुसार भारतीय दूरसंचार ग्राहक इस सूची में पहले स्थान पर है. सर्वेक्षण के अनुसार भारत में औसतन हर मोबाइल धारक को महीने में 22 से अधिक अवांछित कॉल मिलती हैं.
इस मामले में भारत का स्थान अमेरिका, ब्राजील, चिली व दक्षिण अफ्रीका आदि देशों से ऊपर है. अमेरिका व ब्राजील में दूरसंचार ग्राहक को औसतन हर महीने इस तरह की 20 फोन कॉल आती हैं जिनमें बैंकों की ओर से कार्ड या कर्ज की पेशकश की जाती है या दूसरी दूरसंचार कंपनियों के प्रतिनिधि सस्ती काल दरों की पेशकश करते हुए लुभाते हैं. सर्वेक्षण के अनुसार भारत में दूरसंचार कंपनियां और दूरसंचार मार्केटिंग कंपनियां कुल अवांछित कॉल में क्रमश: 54 प्रतिशत और 13 प्रतिशत हिस्सेदारी निभाती हैं.
पृष्ठभूमि
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सितंबर 2016 को अवांछित कॉल और एसएमएस पर रोक लगाने की घोषणा की थी. यह नियम 27 सितंबर से लागू होने की बात भी कही गयी थी. ट्राई ने दूरसंचार कंपनियों को प्रति सिम प्रतिदिन एक सौ से अधिक एसएमएस की अनुमति नहीं देने का आदेश दिया था. यद्यपि यह नियम त्योहारों के अवसर पर लागू नहीं होगा और उस दिन उपभोक्ता असीमित एसएमएस कर सकेंगे.
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