भारत में पहली बार इंदौर (मध्य प्रदेश) ने ट्रैफिक कंट्रोल हेतु 14-फुट लंबा रोबोट नियुक्त किया है. यह रोबोट पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम से लैस ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों की तस्वीरें ले सकता है और पुलिस नियंत्रण कक्ष की मदद से उनका ई-चालान काट सकता है.
यह रोबोट न केवल चौराहे पर खड़े होकर ट्रैफिक कंट्रोल करता है, बल्कि इधर-उधर घूमता भी है और ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों का चालान भी बनाता है. अगर वाहन चालक ट्रैफिक नियम तोड़ते हैं तो ये माइक से अनाउंसमेंट भी करता है.
ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वाली वाहनों को पकड़ने के लिए के लिए यह रोबोट उनकी फोटो खींचने में सक्षम है. और फिर इन फोटो के आधार पर नियम तोडऩे वालों का चालन भी कटेगा. इतना ही नहीं यह रोबोट तो भविष्य में ट्रैफिक सिग्नल की तरह भी काम कर सकता है. पुलिस के लिए इस रोबोट को बनाने में डेढ़ साल का समय लगा है.
पुलिस अभी रोबोट का ट्रायल कर रही है. जैसे ही किसी वाहन ने रेड सिग्नल क्रॉस किया, ये अपने कैमरे से फोटो खींच लेगा। इसके जरिए ई-चालान बनाए जा सकेंगे. ये पुलिस कंट्रोल रूम के वाई-फाई सिस्टम से कनेक्ट रहेगा. ऑनलाइन निर्देश देकर रोबोट को संचालित किया जा सकता है.
इस रोबोट में कई तकनीकी सुविधाएं मौजूद हैं, जो ट्रैफिक कंट्रोल करने में मददगार साबित होगी. इसे इंदौर में वेंकटेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी संस्थान के प्रोफेसर राहुल तिवारी और अनिरुद्ध शर्मा ने तैयार किया है.
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