भारत और थाइलैंड के बीच मैत्री 2019 नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास 16 सितम्बर से 29 सितम्बर 2019 तक मेघालय के उमरोई में फॉरेन ट्रेनिंग नोड में आयोजित किया जाएगा. दोनों देशों ने पिछले एक महीने में इस तरह के दो सैन्य अभ्यास किए हैं.
इस अभ्यास में भारत और थाइलैंड की सेनाओं के हरेक 50-50 सैनिक हिस्सा लेंगे. इसका मुख्य उद्देश्य अपने-अपने देशों में आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों के दौरान प्राप्त किए गए अनुभवों को साझा करना है.
अभ्यास मैत्री-2019 का मुख्य बिंदु:
• अभ्यास मैत्री एक वार्षिक प्रशिक्षण कार्यक्रम है.
• इसे साल 2006 से थाइलैंड और भारत में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है.
• इस अभ्यास में संयुक्त प्रशिक्षण, दोनों देशों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हथियारों एवं उपकरणों से परिचय शामिल है.
• इस अभ्यास में जंगली और शहरी परिदृश्य में आतंकवाद विरोधी कार्रवाई पर आधारित कंपनी स्तर का संयुक्त प्रशिक्षण शामिल है.
• सैन्य प्रशिक्षण अभ्यासों का संचालन भारत अनेक देशों के साथ करता है. किन्तु, वैश्विक आतंकवाद के बदलते परिदृश्य में, थाइलैंड के साथ अभ्यास मैत्री दोनों देशों की सुरक्षा संबंधी चुनौतियों को देखते हुए अत्यधिक अहम है.
• संयुक्त सैन्य अभ्यास से भारतीय सेना तथा रॉयल थाइलैंड आर्मी के बीच रक्षा सहयोग बढ़ेगा.
• इससे दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के साथ ही द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में सहायता मिलेगी.
• इस अभ्यास में घेराबंदी और खोज, छापेमारी एवं खोजो और नष्ट करो मिशनों जैसे अभियानों के अतिरिक्त शहरी माहौल में क्षेत्र प्रभुत्व अभियानों के संचालन के तौर– तरीके साझा किये जायेगे.
भारत-थाईलैंड संबंध:
भारत के थाईलैंड के साथ ऐतिहासिक संबंध रहे हैं, जो कई सदियों पहले स्थापित किये गये थे. दोनों देशों ने साल 1947 में औपचारिक राजनयिक संबंध स्थापित किये थे. दोनों देशों द्वारा जनवरी 2012 में रक्षा सहयोग के एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के साथ, भारत और थाईलैंड के बीच रक्षा संबंध सालों से बेहतर होते रहे हैं.
दोनों देशों के बीच नई दिल्ली में मार्च 2019 में आयोजित वार्षिक उच्च स्तरीय रक्षा वार्ता, 7वां संस्करण के माध्यम से रक्षा सहयोग को आगे बढ़ाया जा रहा है. भारत के नौसेना कई मोर्चों पर रॉयल थाई नेवी के साथ सहयोग करती है. इसमें परिचानात्मक बातचीत, प्रशिक्षण विनिमय तथा हाइड्रोग्राफिक सहयोग शामिल हैं.
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