INS Arighat: न्यूक्लियर पनडुब्बी INS Arighat को आज भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया जायेगा. इसकी मदद से भारतीय समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलेगी. नई तकनीक से लैस पनडुब्बी खतरनाक मिसाइल जैसे K-4 से लैस होगी, जिसकी मारक क्षमता तीन हजार किलोमीटर तक है. बता दें कि यह भारत की अब तक की सबसे खतरनाक पनडुब्बियों में से एक है. चलिये इसकी खासियत के बारें में जानते है.
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चीन को मिलेगा करारा जवाब:
बता दें कि यह पनडुब्बी ऐसे समय में आ रही है जब हिन्द महासागर में चीन के बढ़ते दबदबे से निपटने के लिए भारत को और परमाणु पनडुब्बियों की आवश्यकता है. खासकर हिन्द महासागर में भारत अपनी सुरक्षा को चाकचौबंद करने के उद्देश्य से इस न्यूक्लियर पनडुब्बी का उपयोग करेगा.
न्यूक्लियर पनडुब्बियों की संख्या बढ़ा रहा भारत:
भारत की पहली परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत थी, जिसे 2014 में नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया था. INS अरिघाट, INS अरिहंत की तुलना में अधिक उन्नत और खतरनाक है. भारतीय नौसेना दो और परमाणु पनडुब्बियों की तैयारी कर रही है, जो 2035-36 तक तैयार हो जाएंगी.
तीन हजार किलोमीटर तक कर सकती है हमला:
यह पनडुब्बी खतरनाक मिसाइल जैसे K-4 से लैस होगी, जिसकी मारक क्षमता तीन हजार किलोमीटर तक है. अरिघात में भी INS अरिहंत की तरह K-15 मिसाइलें मौजूद होंगी. यह पनडुब्बी ऐसे समय में आ रही है जब भारतीय महासागर में चीन के बढ़ते दबदबे से निपटने के लिए भारत को और परमाणु पनडुब्बियों की आवश्यकता है.
INS Arighat की क्या है खासियत:
- INS अरिघात को उन्नत प्रौद्योगिकी वाहन (ATV) प्रोजेक्ट के तहत विशाखापत्तनम शिपबिल्डिंग सेंटर में बनाया गया है.
- INS अरिघात पानी की सतह पर 12-15 नॉट्स यानी 22 से 28 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती है.
- इस पनडुब्बी का वजन 6 हजार टन है। INS अरिघाट पानी के अंदर मिसाइल हमले करने में सक्षम है और इसमें सोनार संचार प्रणाली, समुद्र-आधारित मिसाइलें और एंटी-रेडिएशन सुरक्षा प्रणाली से लैस है.
- INS अरिघात की लंबाई 111.6 मीटर, चौड़ाई 11 मीटर और ऊंचाई 9.5 मीटर है.
- यह पनडुब्बी, जो न्यूक्लियर रिएक्टर पर चलती है, साधारण पनडुब्बियों की तुलना में अधिक तेज गति से चल सकती है. यह सतह पर चलने वाले जहाजों की गति को भी टक्कर दे सकती है.
- जहां साधारण पनडुब्बियां पानी के अंदर केवल कुछ घंटे ही रह सकती हैं, वहीं यह पनडुब्बी महीनों तक पानी के अंदर रह सकती है.
- समुद्र की गहराई में यह पनडुब्बी 24 नॉटिकल मील यानी 44 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती है. इस पनडुब्बी में आठ लॉन्च ट्यूब होंगे.
- इस पनडुब्बी में 21 इंच की छह टॉरपीडो लगी हैं.
भारत का क्या है प्लान:
भारत सरकार अपनी दीर्घकालिक पनडुब्बी विकास योजना के लिए परमाणु और पारंपरिक दोनों नौकाओं के निर्माण की योजना बना रही है. भारत तीन ब्लॉकों में बनने वाली छह परमाणु हमला पनडुब्बियों के साथ पांच अरिहंत श्रेणी की नौकाओं पर काम कर रहा है.
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