दुनिया के शीर्ष कीट विशेषज्ञों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन, प्रकाश प्रदूषण, कीटनाशक, शाकनाशक, आक्रामक प्रजातियों के साथ-साथ कृषि और भूमि उपयोग में बदलाव के कारण पृथ्वी से हर साल लगभग 1-2 प्रतिशत कीट पतंगे विलुप्त हो जाते हैं.
पृथ्वी का जलवायु परिवर्तन दुनिया के कीट संसार को कैसे प्रभावित कर रहा है?
डेविड वैगनर के अनुसार, जलवायु परिवर्तन के कारण अमेरिका में सूखे के मौसम ने तितलियों के खाने के लिए काफी कम दुधिया रस वाला एक जंगली पौधा/ मिल्क प्लांट छोड़ दिया है. इसके अलावा, अमेरिकी कृषि में परिवर्तन खरपतवार और फूलों को हटा देते हैं जो अमृत के लिए उन्हें चाहिए.
क्या यह चिंता का एक बड़ा कारण है?
जबकि वैज्ञानिक अभी भी यह पता लगा ही रहे हैं कि क्या कीट-पतंगों के विनाश की दर अन्य प्रजातियों की तुलना में बड़ी है, वैगनर ने यह कहा है कि, अधिक चिंता करने का कुछ और कारण है क्योंकि इन कीट-पतंगों को कीटनाशकों और शाकनाशकों के हमले का भी लक्ष्य बनाया जा रहा है.
हमारी दुनिया के लिए ये कीट-पतंगे क्यों महत्वपूर्ण हैं?
ये कीट-पतंगे दुनिया की खाद्य श्रृंखला के लिए महत्वपूर्ण हैं और कचरे से छुटकारा पाने में मदद करते हैं. वैगनर के अनुसार, ये कीट-पतंगे ऐसे कपड़े हैं जिनके द्वारा मां प्रकृति और जीवन रुपी पेड़ का निर्माण हुआ है.
- कृषि में, कीट पर्यावरण में पौधों के पारस्परिक परागण में मदद करते हैं.
- कई कीट मृत या क्षयकारी पदार्थ को खाते हैं या दूर ले जाते हैं और पर्यावरण से समस्त अपशिष्ट पदार्थ को निकालते हैं.
- कई कीड़े भोजन के लिए घास और पौधों पर निर्भर रहते हैं और बदले में, वे कई पक्षियों, उभयचर/ जलस्थलचर, मछलियों, छिपकलियों और अन्य जानवरों का शिकार बन जाते हैं.
- कीटों का उपयोग कीट नियंत्रण के लिए भी किया जाता है. ये कीड़े दो प्रकार के होते हैं:
प्रीडेटर: ये कीट लेडी बीटल की तरह अन्य कीटों का उपभोग करते हैं, जो दीमक और घुन का सेवन करते हैं.
पैरासिटोइड्स: ये कीड़े अपने अंडे अन्य कीड़ों के अंदर या उनकी सतह पर रखते हैं और अंडे से निकलने वाले लार्वा मेजबान कीट को खा जाते हैं जिससे यह मर जाता है.
शहद की मक्खी और तितलियों की संख्या में बड़ी गिरावट
वैज्ञानिकों के अनुसार, दो प्रसिद्ध कीड़े- हनीबी/ शहद की मक्खी और मोनार्क तितलियां कीट की समस्याओं का सबसे अच्छा उदाहरण हैं. शहद की मक्खियों की संख्या में रोग, परजीवी, कीटनाशक, शाकनाशियों और भोजन की कमी के कारण नाटकीय गिरावट आई है.
पृष्ठभूमि
वैज्ञानिकों ने ऎसी लगभग 1 मिलियन कीट प्रजातियों की पहचान की है और लगभग 4 मिलियन की खोज अभी की जानी है.
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