02 अक्टूबर: अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस
विश्व भर में 02 अक्टूबर 2018 को अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाया गया. यह दिवस महात्मा गांधी के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है, वे अहिंसा के दर्शन शास्त्री एवं समर्थक थे.
अहिंसा की नीति के ज़रिए विश्व भर में शांति के संदेश को बढ़ावा देने के महात्मा गांधी के योगदान को सराहने के लिए इस दिन को अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाने का फ़ैसला किया गया था. इस सिलसिले में 'संयुक्त राष्ट्र महासभा' में भारत द्वारा रखे गए प्रस्ताव का भरपूर समर्थन किया गया.
उद्देश्य: |
इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य सम्पूर्ण विश्व में शांति स्थापित करना और अहिंसा का मार्ग अपनाना हैं. अहिंसा की नीति के ज़रिए विश्व भर में शांति के संदेश को बढ़ावा देने के महात्मा गाँधी के योगदान को सराहने के लिए ही इस दिन को 'अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में मनाने का फ़ैसला किया गया. |
जागरूकता गतिविधियों का आयोजन:
इस अवसर पर सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं ने अहिंसा के राजनैतिक एवं सामाजिक महत्व पर विशेष कार्यक्रम, वार्ता एवं जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया. महात्मा गाँधी ने भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन का नेतृत्त्व किया था और अहिंसा के दर्शन का प्रचार किया.
'स्वच्छ्ता ही सेवा अभियान'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'स्वच्छ्ता ही सेवा अभियान' शुरू किया है. प्रधानमंत्री ने सभी लोगों को इससे जुड़ने की अपील की है. यह अभियान 15 सितंबर को शुरू हुआ और 02 अक्टूबर, गांधी जयंती तक चलेगा.
अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा:
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 05 जून 2007 को एक प्रस्ताव पारित करके प्रतिवर्ष 02 अक्टूबर को अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाये जाने की घोषणा की गयी थी.
प्रस्ताव का उद्देश्य अहिंसा के सिद्धांत की सार्वभौमिक प्रासंगिकता को पुष्ट करना था तथा विश्व में शांति, सहिष्णुता, आपसी समझ और अहिंसा को बढ़ावा देना था.
इस दिवस का भारत के लिए विशेष महत्व है क्योंकि इस प्रस्ताव का संयुक्त राष्ट्र के 140 सदस्य राष्ट्रों ने समर्थन किया.
यह भी पढ़ें: अंतरराष्ट्रीय शांति दिवस 21 सितंबर को मनाया गया
Comments
All Comments (0)
Join the conversation