भारत, चीन, इस्राइल, न्यूजीलैंड, कनाडा और आईसलैंड, इन छह देशों ने बहुराष्ट्रीय उद्यमों द्वारा पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए स्वचालित विनिमय हेतु बहुपक्षीय सक्षम अधिकार समझौता (Multilateral Competent Authority agreement ) किया. समझौते पर हस्ताक्षर 12 मई 2016 को बीजिंग में किया गया.
इसके साथ ही हस्ताक्षर करने वाले देशों की कुल संख्या 39 हो गया.
सम्बंधित मुख्य तथ्य -
• संधि सभी हस्ताक्षर करने वाले देशों को एक दूसरे को द्विपक्षीय और स्वचालित तरीके से देश– दर –देश रिपोर्टों के आदान– प्रदान की अनुमति देता है, जैसा कि बीईपीएस कार्य योजना के एक्शन 13 में परिकल्पित है.
• यह कर प्रशासनों को बहुराष्ट्रीय उद्यम अपना संचालन की संरचना कैसे बनाते हैं, की पूर्ण समझ प्रदान करेगा और जानकारी की गोपनीयता की रक्षा भी सुनिश्चित करता है.
• OECD/G20 BEPS परियोजना अंतरराष्ट्रीय कर रूपरेखा में सुधार के लिए 15 मुख्य कार्य निर्धारित किए हैं और यह सुनिश्चित करता है कि जहां आर्थिक गतिविधियां की गईं हैं एवं मूल्य पैदा किए गए हैं वहां लाभ की रिपोर्टिंग हो.
• विकासशील देशों में कॉरपोरेट आयकर, खासकर बहुराष्ट्रीय उद्यम (एमएनई) से मिलने वाले, पर उच्च निर्भरता के कारण बीईपीएस का बहुत महत्व है.
• हर न्यायक्षेत्र जहां वे व्यापार करते हैं, आमदनी और करों के भुगतान के वैश्विक आवंटन से संबंधित है, एमएनई समूह के भीतर अन्य संकेतकों के साथ आर्थिक गतिविधि के स्थान पर देश– दर– देश रिपोर्टिंग में एमएनई को सालाना समग्र जानकारी उपलब्ध कराने की आवश्यकता होगी,.
• कौन सी निकाय किस खास न्यायक्षेत्र में व्यापार कर रही है और प्रत्येक निकाय किन व्यापारिक गतिविधियों में शामिल है, के बारे में भी जानकारी को यह कवर करेगा.
पृष्ठभूमि-
नवंबर 2015 में G20 नेताओं ने व्यापक रेंज वाली बीईपीएस पैकेज का समर्थन किया और इसे अंतरराष्ट्रीय कर प्रणाली की प्रभावशीलता में सुधार के लिए ऐतिहासिक अवसर बनाया.
हस्ताक्षर किया गया पैकेज सभी ओईसीडी और G20 देशों के बीच दो वर्षों तक हुई चर्चा का नतीजा है. इस चर्चा में एक दर्जन से अधिक विकासशील देश भी थे.
आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी)
ओईसीडी 34 देशों का अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संगठन है. इसकी स्थापना 1961 में आर्थिक विकास एवं विश्व व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए की गई थी. इसका उद्देश्य दुनिया में रहने वाले लोगों के आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में सुधार लाने वाली नीतियों को बढ़ावा देना है.
• ओईसीडी एक मंच प्रदान करता है जहां सरकारें एक साथ मिल कर काम कर सकती हैं और अपने अनुभव साझा कर सकती हैं एवं आम समस्याओँ का समाधान ढूंढ़ सकती है.
• आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय बदलाव अभियानों को समझने के लिए यह सरकारों के साथ मिलकर काम करता है.
• यह उत्पादकता और व्यापर एवं निवेश के वैश्विक प्रवाहों को मापता है.
• भविष्य के रूझानों की भविष्यवाणी के लिए आंकड़ों का विश्लेषण और तुलना करता है.
• यह कृषि और रसायनों की सुरक्षा के लिए कर समेत कई क्षेत्रों में अंतरराष्ट्रीय मानकों को निर्धारित करता है.
वर्ष 1948 में ओईसीडी की उत्पत्ति यूरोपीय आर्थिक सहयोग संगठन (ओईईसी) के तौर पर हुई थी. इसके गठन का उद्देश्य युद्ध से तबाह महाद्वीप के पुनर्निर्माण के लिए मार्शल योजना के प्रशासन में मदद करना था.
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