ईरान के दक्षिणी हिस्से में हाल ही में कच्चे तेल का एक नया भंडार मिला है. ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने 10 नवंबर 2019 को बताया कि उनके देश में लगभग 50 अरब बैरल के कच्चे तेल के भंडार की खोज की गई है.
इस नए तेल क्षेत्र की खोज के बाद ईरान के प्रामाणिक तेल भंडारों में लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जायेगी. हालांकि, ईरान के लिए अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच तेल की बिक्री करना मुश्किल हो गया है.
अमेरिका ने साल 2018 में ईरान के साथ न्यूक्लियर डील को रद्द करके उस पर तमाम प्रतिबंध थोप दिए थे. इसके बाद से ईरान के सामने तेल बेचने की चुनौती पैदा हो गई है. यह ऑयल फील्ड ईरान के दक्षिणी कुजेस्तान प्रांत में स्थित है. इसे ऑयल इंडस्ट्री के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.
नये तेल भंडार 2,400 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला है. यह क्षेत्र लगभग 200 किलोमीटर की दूरी में 80 मीटर गहराई तक फैले हैं. ईरान की स्थापित कच्चा तेल भंडार क्षमता अब 155.6 अरब बैरल होने का अनुमान है.
ईरान के पास विश्व का चौथा सबसे बड़ा तेल भंडार है तथा प्राकृतिक गैस का दूसरा सबसे बड़ा भंडार भी इसी देश के पास है. ईरान विश्व के सबसे बड़े तेल उत्पादकों में से एक है, जिसका प्रत्येक साल अरबों डॉलर का निर्यात होता है. वैश्विक शक्तियों के साथ अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर किसी डील पर पहुंचने में विफल रहने के बाद अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते ईरान का ऊर्जा उद्योग बहुत बुरी तरह प्रभावित हुआ है. |
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पृष्ठभूमि
ईरान से तेल खरीदने वाली कोई भी कंपनी या सरकार को अमेरिकी प्रतिबंधों का डर है जिसके कारण से ईरान की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है तथा ईरान की मुद्रा रियाल में तेजी से गिरावट आई है. न्यूक्लियर समझौता रद्द होने के बाद से ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम बढ़ाने की ओर आगे बढ़ रहा है. ईरान ने एक भूमिगत सुविधा (अंडरग्राउंड फैसिलिटी) में यूरेनियम भंडार इकठ्ठा करना भी शुरू कर दिया है.
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