ईरान ने 21 अगस्त 2018 को अपने पहले स्वदेशी लड़ाकू विमान 'कौसर' का अनावरण किया. ईरान ने कहा है कि चौथी पीढ़ी के इस लड़ाकू विमान का निर्माण केवल देश की रक्षा करने और शांति बनाए रखने के लिए किया गया है.
कौसर अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के साथ ही बहुउद्देशीय रडार से भी लैस है. ईरान में पहली बार किसी लड़ाकू विमान का 100 प्रतिशत निर्माण देश में ही हुआ है. इस अवसर पर विमान में बैठे राष्ट्रपति हसन रूहानी की तस्वीर जारी की गई.
कौसर लड़ाकू विमान
यह चौथी पीढ़ी का बहुउपयोगी राडार से लैस लड़ाकू विमान है. कौसर का अर्थ स्वर्ग में नदी को कहा जाता है तथा इसी नाम से कुरान में एक अध्याय भी है. यह दोहरी कॉकपिट वाला विमान है जिसमें एकल इंजन लगाया गया है तथा एकल पुच्छल पंख है.
यह अमेरिका द्वारा निर्मित एफ-5एफ से मिलता जुलता विमान है जो लंबे समय तक ईरानी वायु सेना में कार्यरत रहा था. यह विमान कम दूरी के वायुसैनिक मिशन में उपयोगी सिद्ध हो सकता है. यह उन सभी प्रणालियों से लैस है जिससे लक्ष्यीकरण को सटीकता से निशाना बनाया जा सके.
पृष्ठभूमि
ईरान की वायु सेना काफी हद तक 1860 की ईरानी क्रांति से पहले अधिग्रहित किए गए एफ-5 एस सहित रूसी अथवा पुराने अमेरिकी मॉडल के कुछ दर्जन लड़ाकू विमानों पर निर्भर थी. पिछले कुछ वर्षों में ईरान ने कई नये लड़ाकू विमान वायुसेना में शामिल किये हैं. वर्ष 2013 में ईरान द्वारा कहर-313 नामक लड़ाकू विमान का अनावरण किया गया था जिसकी अमेरिका के एफ-22 एवं एफ-35 के साथ तुलना की गई थी.
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