झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट प्रस्तुत किया

Jan 31, 2017, 16:31 IST

अनुमानित बजट 75,673 करोड़ रुपए का है. बजट में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लिए अनेक योजनाओं को लागू करने की घोषणा की है. आगामी वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में प्रदेश सरकार ने 6,947.83 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है.

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झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 23 जनवरी 2017 को वित्तीय वर्ष 2017-18 हेतु विधानसभा में बजट प्रस्तुत किया. अनुमानित बजट 75,673 करोड़ रुपए का है. बजट में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लिए अनेक योजनाओं को लागू करने की घोषणा की है. यह झारखंड का अब तक का सबसे बड़ा बजट है. आगामी वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में प्रदेश सरकार ने 6,947.83 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है.

वित्तीय 2017-18 में प्रचलित मूल्य के आधार पर झारखंड राज्य का सकल घरेलू उत्पाद यानि जीएसडीपी 282572 करोड़ रुपए अनुमानित किया गया. यह गत वित्तीय वर्ष 2016-17 के 249642 करोड़ रुपए की तुलना में 13.19 प्रतिशत अधिक है.

राज्य को अपने कर राजस्व से लगभग 19900.50 करोड़ रुपए और गैर कर राजस्व से 11.258.16 करोड़ रुपए केन्द्रीय सहायता से लगभग 13,414.57 करोड़ रुपए और और केंद्रीय करों से 21,034.19 करोड़ रुपए, लोक ऋण से लगभग 10000 करोड़ रुपए और उधार एवं अग्रिम की वसूली से 66 करोड़ रुपए की प्राप्त होगी.

राजस्व व्यय के लिए 57861.32 करोड़ रुपए हैं जबकि पूंजीगत व्यय हेतु 17812.10 करोड़ निर्धारित किए गए है. 2017-18 को प्रदेश सरकार ने गरीब कल्याण वर्ष घोषित किया है. वर्तमान वित्तीय वर्ष में गरीब कल्याण से जुड़ी योजनाओं पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा.

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बजट में फोकस गांव, गरीब और उद्योगों पर किया है मुख्यमंत्री के अनुसार गांव के विकास को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कल्याण, स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग में अनेक नई योजनाएं भी आरम्भ की हैं.

वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में अनुसूचित जाति और जनजाति हेतु बजट में अलग से प्रावधान किया गया. वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट देश में सबसे पहले झारखंड का बजट प्रस्तुत किया गया है. परम्परा से अलग बजट में प्लान और नन प्लान नहीं था. इसके बजाय राजस्व व्यय और पूंजीगत व्यय का कॉन्सेप्ट प्रस्तुत किया गया.

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बजट के मुख्य तथ्य-

  • बजट में एसटी क्षेत्र हेतु अलग से 18026 करोड़ रूपए, एससी के विकास हेतु बजट में 4233 करोड़ का प्रावधान किया गया है.
  • प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यक कल्याण हेतु 107 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है.  
  • प्रदेश में 6 पॉलिटेक्निक कॉलेज का निर्माण किया जाएगा.
  • बोकारो, रांची, देवघर में तकनीकी क्षेत्र में अभियंत्रण महाविद्यालय निर्माण किया जाएगा.
  • प्रदेश के छात्रों हेतु मुख्यमंत्री शिक्षा ऋण गारंटी फंड का गठन किया जाएगा.
  • सुदूर क्षेत्र की निवासी महिलाओं हेतु विश्वविद्यालय बस सेवा शुरू की जाएगी, इसका उद्देश्य को महिलाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में अव्यवस्थाओं से बचाना है.
  • आगामी 5 वर्षों में 20 लाख युवक-युवतियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.
  • वित्तीय वर्ष 2017-18 में रांची-बोकारो एवं धनबाद को जोड़ने हेतु एक्सप्रेस वे के निर्माण का प्रस्ताव किया गया है.
  • धनबाद में यातायत व्यवस्था को सुचारू करने के उद्देश्य से बैंक मोड़ चौक के आसपास रेलवे के साथ मिलकर एक फ्लाईओवर निर्माण की कार्य योजना शीघ्र आरम्भ की जाएगी.
  • अग्निशमन सेवा को 42 फायर इंजन प्रदान करने का प्रस्ताव बजट में किया गाय है. रांची, जमशेदपुर और देवघर शहरों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की घोषणा की गई.
  • पुलिस आपके द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया जा चुका है, इसे राज्य के अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा.
  • जमशेदपुर एवं गिरिडीह में डेयरी प्लांट की स्थापना प्रस्तावित है. प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में एलपीजी कनेक्शन तथा चूल्हा राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा.
  • हज यात्रियों हेतु डोरंडा में मुसाफिरखाना का निर्माण, और एमएसडीपी की राशि को दोगुना किया गया है.

आदिवासी क्षेत्रों हेतु योजना-

  • वेतन एवं स्थापना मद में होने वाले खर्च, राजस्व व्यय के दायरे में लाए जाएगे. आधारभूत संरचना एवं परिसंपत्तियों के निर्माण का खर्च अब पूंजीगत व्यय में रहेगा.
  • बजट में आदिम जनजाति की तरह टाना भगत के विकास हेतु 15 करोड़ रुपए की एक विशेष योजना भी आरम्भ की गई है. टाना भगत विकास प्राधिकार का गठन भी किया जाएगा.
  • आदिवासी छात्र-छात्राओं हेतु शिक्षा ऋण गारंटी योजना की शुरुआत भी बजट में की गई.
  • बजट में किसी भी प्रकार के नए टैक्स का प्रावधान न करके, जीएसटी एडवाइजरी कमेटी बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया है.
  • वित्तीय वर्ष 2017-18 में शिक्षा हेतु 10517.64 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है. सीएम फेलोशिप योजना का शुभारंभ भी बजट के प्रस्तावित है.
  • 20 क्रांतिकारी सपूतों के गांवों का विकास किया जाने हेतु बजट में घोषणा की गई है.
  • आदिम जनजाति हेतु डाकिया योजना का शुभारम्भ किया जाएगा. इस योजना के तहत हर आदिम जनजाति के घर 35 किलो खाद्यान्न पहुंचाया जाएगा.

केंद्रीय जनजातीय विवि-

  • कोयलांचल में बिनोद बिहारी महतो विवि की स्थापना, केंद्रीय जनजातीय विवि, बाबा बैद्यनाथ संस्कृत विवि के निर्माण का प्रस्ताव भी इस वित्तीय वर्ष के बजट में किया गया है.
  • राजस्व व्यय हेतु 57861.32 करोड़ और पूंजीगत व्यय हेतु 17812.10 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं.
  • वित्तीय वर्ष 2017-18 के बजट में एसटी क्षेत्र हेतु अलग से 18026 करोड़, एससी के विकास हेतु बजट में 4233 करोड़ का अलग से प्रावधान किया गया है.
  • सौ नए सिंगल विंडो सेंटर की स्थापना भी प्रस्तावित है.
  • लैंप और पैक्स में गोदामों का निर्माण किय जाएगा, सरकार चार लाख डोभा, ग्रामीण कृषि हाट का निर्माण, 345 बड़े तालाबों का गहरीकरण कराएगी.

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नर्सिंग स्कूल खोलने का प्रस्ताव-

  • झारखंड के पांच जिले लोहरदगा, लातेहार, देवघर, पाकुड़ और कोडरमा में नर्सिंग स्कूल खोलने का प्रस्ताव है.
  • सभी प्रमंडल में फार्मेसी संस्थान खोले जाने की भी घोषणा बजट में की गयी है.
  • नेशनल हाईवे NH -2, NH- 33 और NH-143 कुल तीन पर ट्रॉमा सेंटर खोला जाएगा.
  • देवघर में एम्स खोलना भी बजट में प्रस्तावित है.
  • मुख्यमंत्री रघुवर दास ने पुलिस की बहाली में 33 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण देने का प्रस्ताव बजट में रखा है.
  • पंचायतों को क्रियाशील बनाने, पंचायती राज संस्थाओं को शक्तिशाली बनाने की बात भी सरकार ने बजट में कही है.
  • पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार ने 10 महिला महाविद्यालय और 12 मॉडल महाविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति दी.
  • जिन विधानसभा क्षेत्र में अंगीभूत कॉलेज नहीं हैं, उनमें से सात जगहों पर इसके लिए स्वीकृति प्रदान बजट में की गयी है.
  • बजट में मानकी मुंडा और डकुआ की सम्मान राशि में वृद्धि की गई. जिसके तहत अब मानकी को 3000 प्रति माह, मुंडा और ग्राम प्रधान को 2-2 हजार प्रति माह और  डकुआ को प्रति माह 1 हजार रु प्रदान किया जाएगा.

स्वास्थ्य बीमा योजना-
मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना में परिवार के बच्चे भी शामिल किए गए हैं. सभी जिला अस्पतालों में ट्रॉमा सेंटर खोलने का प्रस्ताव भी बजट में किया गया है.

रियल टाइम मॉनिटरिंग-   
प्रदेश के स्कूलों के रियल टाइम मॉनिटरिंग और बच्चों के लर्निंग लेवल की ट्रेकिंग हेतु ई विद्यावाहिनी प्रोग्राम आरम्भ किया गया.
इसके तहत प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों को एक एक टेबलेट प्रदान किया जाएगा.

आकांक्षा योजना-
आकांक्षा कार्यक्रम लागू किया गया है. जिसके तहत तकनीकी संस्थानों में नामांकन हेतु बच्चों को कोचिंग और केरियर काउंसलिंग की सुविधा प्रदान की जाएगी.
160 स्कूलों में व्यवसायिक शिक्षा कार्यक्रम लागू किया जाएगा.

एक्शन टेकेन रिपोर्ट-
गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में एक्शन टेकेन रिपोर्ट देने की परंपरा शुरू की गई. वर्तमान  वित्तीय वर्ष 2017-18 सा भी यह रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी. इसके अनुसार पिछले वर्ष बजट में जिन 172 योजनाओं की घोषणा की गई थी, उनमें 164 घोषणाएं पूरी की गईं.

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