ज्ञानपीठ पुरस्कार 2019: मलयालम कवि अक्कितम को मिला 55वां ज्ञानपीठ पुरस्कार

Dec 2, 2019, 13:57 IST

अक्कितम मलयालम कविता जगत में एक प्रसिद्ध लेखक हैं. उनका जन्म 1926 में हुआ था और उनका पूरा नाम अक्कितम अच्युतन नंबूदरी है.

अक्कितम को ज्ञानपीठ पुरस्कार
अक्कितम को ज्ञानपीठ पुरस्कार

प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार 2019 की घोषणा हो चुकी है, इस वर्ष यह पुरस्कार मलयालम कवि अक्कितम अच्युतन नंबूदरी को दिया जाएगा. प्रख्यात ओडिया लेखिका प्रतिभा राय की अध्यक्षता में एक निर्णायक मंडल ने उनके नाम की घोषणा से पहले एक बैठक की. निर्णायक मंडल के अन्य सदस्य थे शमीम हनफ़ी, सुरंजन दास, माधव कौशिक और डॉ. पुरुषोत्तम. ज्ञानपीठ पुरस्कार में 11 लाख रुपये, वाग्देवी की एक मूर्ति, एक प्रशस्ति पत्र और एक स्मृति चिन्ह शामिल हैं.

अक्कितम के बारे में

अक्कितम मलयालम कविता जगत में एक प्रसिद्ध लेखक हैं. उनका जन्म 1926 में हुआ था और उनका पूरा नाम अक्कितम अच्युतन नंबूदरी है, लेकिन वे अक्कितम के नाम से लोकप्रिय हैं. उन्हें बचपन से ही साहित्य और कला में रुचि थी. कविता के अलावा, अक्कितम ने नाटक और उपन्यास भी लिखे हैं. उनकी अधिकांश काव्य रचनाओं में एक विशिष्ट भविष्यसूचक चरित्र है. वह अपनी कविता में सामाजिक-राजनीतिक विकास की छाप छोड़ते नजर आते हैं. अक्कितम अपनी कविताओं के माध्यम से आधुनिकता का प्रसार करने के लिए भी प्रसिद्ध हैं.

अक्कितम की रचनाएं और पुरस्कार

• अक्कितम की कविताएँ भारतीय दार्शनिक और सामाजिक मूल्यों को जोड़ती हैं जो आधुनिकता और परंपरा के बीच एक सेतु की तरह हैं.
• उन्होंने अब तक 55 किताबें लिखी हैं और उनमें से 45 कविता संग्रह हैं.
• उन्होंने विभिन्न भारतीय भाषाओं के कार्यों का अनुवाद किया है. उनकी सबसे प्रसिद्ध काव्य पुस्तक इरुपदाम नूतनदीदे इतिहासम पाठकों के बीच काफी लोकप्रिय है.
• उनकी कुछ प्रसिद्ध पुस्तकें हैं - "खंड काव्य", "कथा काव्य", "चरित्र काव्य" और गीत.
• उनकी कुछ प्रसिद्ध रचनाओं में "वीरवाडम", "बालदर्शनम्", "निमिषा क्षेतराम", "अमृता खटिका", "अक्कितम कवितावक्खा", "महाकाव्य ऑफ ट्वेंटीथ सेंचुरी" और "एंटीक्लेमम" शामिल हैं।
• अक्कितम को पद्म श्री से सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें 1973 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, 1972 में केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार और 1988 में केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार और कबीर सम्मान से भी सम्मानित किया गया था.

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ज्ञानपीठ पुरस्कार

ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च भारतीय साहित्यिक पुरस्कार है. भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में उल्लिखित 22 भाषाओं में से किसी में लिखता है, इस पुरस्कार के लिए पात्र है. पुरस्कार में ग्यारह लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है. पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार मलयालम लेखक जी. शंकर कुरुप को 1965 में प्रदान किया गया था.

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Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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