सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने हाल ही में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के नए अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाल लिया है. उन्हें एक दिन पहले ही इस पद के लिए नियुक्त किया गया था. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय नियुक्ति समिति ने इनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी थी.
31 मई 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने उनके नाम को मंजूरी दी थी. एनएचआरसी के अध्यक्ष का पद पिछले छह महीने से खाली था. जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस महेश कुमार मित्तल और आईबी के पूर्व निदेशक डॉ राजीव जैन को एनएचआरसी का सदस्य बनाया गया है.
समिति में शामिल लोग
प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति में गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश शामिल थे.
एनएचआरसी के अध्यक्ष पद
इससे पहले राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एचएल दत्तू थे. वे पिछले साल दिसंबर में इसके अध्यक्ष पद से रिटायर हो गए थे. तब से एनएचआरसी में अध्यक्ष का पद खाली था. इस पद के लिए तीन पूर्व मुख्य न्यायाधीशों को भी शॉर्टलिस्ट किया गया था. लेकिन समिति ने जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा को चुना.
जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा कौन हैं?
मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा ने साइंस में एमए की डिग्री लेने के बाद क़ानून की पढ़ाई की.
उनके पिता हरगोविंद मिश्रा जबलपुर हाई कोर्ट के जज थे, जबकि उनके परिवार में कई रिश्तेदार नामी वकील हैं. उनकी बेटी भी दिल्ली हाई कोर्ट की वकील हैं.
लगभग 21 सालों तक वकालत करते रहने के बावजूद उन्होंने क़ानून पढ़ाने का काम भी किया और मध्य प्रदेश में ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय से जुड़े रहे.
जस्टिस अरुण मिश्रा ने साल 1978 में एक वकील के रूप में नामांकन किया था. जिसके बाद वे 1998-99 में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष चुने गए थे.
इसके बाद उन्हें अक्टूबर 1999 में मध्य प्रदेश है कोर्ट का जज नियुक्त किया गया था. बाद में उन्होंने 07 जुलाई 2014 को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत होने से पहले राजस्थान हाई कोर्ट और कलकत्ता हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में कार्य किया.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग क्या है?
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था है. इसकी स्थापना मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 के प्रावधानों के तहत 12 अक्टूबर 1993 को की गई थी.
मानवाधिकार आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है. यह संविधान द्वारा दिये गए मानवाधिकारों जैसे - जीवन का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार और समानता का अधिकार आदि की रक्षा करता है और उनके प्रहरी के रूप में कार्य करता है.
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