पटना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल नरसिम्हा रेड्डी को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
केन्द्रीय प्रशासनिक अधिकरण के उप-पंजीयक (पी) एस आर धीर द्वारा जारी जानकारी के अनुसार न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रेड्डी ने 04 जुलाई 2018 को पदभार ग्रहण कर लिया. उन्हें 27 जून को नियुक्ति पत्र जारी किया गया था.
एल. नरसिंह रेड्डी समिति
• ‘वन रैंक वन पेंशन’ (OROP) पर 26 अक्टूबर, 2016 को न्यायमूर्ति एल. नरसिंह रेड्डी की अध्यक्षता में गठित एक सदस्यीय न्यायिक समिति ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी थी.
• केंद्र सरकार ने ‘वन रैंक वन पेंशन’ को लागू किए जाने से उत्पन्न होने वाली किसी विसंगति की जांच हेतु पटना उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एल. नरसिंह रेड्डी की अध्यक्षता में एक सदस्यीय न्यायिक समिति का गठन किया था.
केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट)
केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण की प्रमुख पीठ (प्रिंसिपल बेंच) दिल्ली में स्थित है. इसके अतिरिक्त, विभिन्न राज्यों में अतिरिक्त पीठें भी हैं. वर्तमान में 17 नियमित पीठ (बैंच) और 4 सर्किट बेंच हैं. कैट में एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य सदस्य शामिल हैं जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है.
न्यायिक और प्रशासनिक क्षेत्रों से कैट के सदस्यों की नियुक्ति होती है. सेवा की अवधि 5 साल या अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अध्यक्ष के लिए 65 वर्ष और सदस्यों के लिए 62 वर्ष जो भी पहले हो, तक होती है. अध्यक्ष, उपाध्यक्ष या कैट का कोई भी अन्य सदस्य अपने कार्यकाल के बीच में ही अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भेज सकता है.
कैट की कार्यप्रणाली
सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की संहिता में निर्धारित प्रक्रिया के लिए कैट बाध्य नहीं है, लेकिन प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित है. एक अधिकरण के पास उसी प्रकार की शक्तियां होती हैं जो सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 की संहिता के तहत एक सिविल कोर्ट के पास होती हैं. एक व्यक्ति अधिकरण में आवेदन कानूनी सहायता के माध्यम से या फिर स्वंय हाजिर होकर कर सकता है. एक न्यायाधिकरण अथवा अधिकरण के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में तो अपील की जा सकती है लेकिन सुप्रीम कोर्ट में नहीं.
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