कांची मठ के प्रमुख शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का 28 फरवरी 2018 को तमिलनाडु के कांचीपुरम में निधन हो गया. कांची कोमकोटि पीठ के प्रमुख जयेंद्र सरस्वती स्वामिगल 82 वर्ष के थे. उन्हें सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था.
कांची शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती:
• शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती का 18 जुलाई 1935 को तमिलनाडु में हुआ था.
• दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य के काँचीपुरम नगर में स्थित कांची कामकोटि पीठ के 69वें शंकराचार्य थे.
• उन्हें वेदों के ज्ञाता माना जाता है.
• उन्हें 22 मार्च 1954 को चंद्रशेखरेंद्र सरस्वती स्वामिगल का उत्तराधिकारी घोषित कर जयेंद्र सरस्वती की उपाधि दी गई थी.
• शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती ने कई स्कूल, नेत्र चिकित्सालय तथा अस्पताल का संचालन करने वाले कांची कामकोटि पीठ की स्थापना की थी.
• शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती का पद पर आसीन होने से पहले का नाम सुब्रमण्यम था.
• उन्होंने अध्यात्म और समाज कल्याण के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है.
• वे अपनी अनुष्ठान सेवा और उत्कृष्ट विचारों के कारण हमेशा याद किये जायेगे.
• वे करीब 65 साल तक कांची पीठ के शंकराचार्य के पद पर रहे.
• उन्होंने समाज के लिए काफी काम किए थे.
कांची मठ:
• कांची मठ तमिलनाडु के कांचीपुरम में स्थापित एक हिन्दू मठ है.
• यह पांच पंचभूतस्थलों में से एक है.
• यह दक्षिण भारत के महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है.
• यहां के मठाधीश्वर को शंकराचार्य कहते हैं.
• कांची मठ के द्वारा कई सारे स्कूल, आंखों के अस्पताल चलाए जाते हैं.
पृष्ठभूमि:
जयेंद्र सरस्वती पर वर्ष 2004 में कांचीपुरम मंदिर के एक कर्मचारी की हत्या के मामले में आरोपित किया गया था, लेकिन नौ साल बाद उन्हें तथा अन्य आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया गया था. जयेंद्र सरस्वती पृथक तेलंगाना राज्य को लेकर भी चर्चाओं में रहे थे.
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