राष्ट्रीय पशु आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (एनबीएजीआर) ने जुलाई 2016 के पहले सप्ताह में केंद्रपाड़ा की भेड़ को पंजीकृत नस्ल का दर्जा प्रदान किया.
मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास विभाग (एफएआरडी) एवं ओड़िसा लाइवस्टॉक रिसोर्सेज़ डेवलपमेंट सोसाइटी एवं कॉलेज ऑफ़ वेटेरनरी साइंस एंड एनिमल हसबेंडरी की भेड़ पर एक वर्ष के गहन अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया.
इस भेड़ को आनुवंशिक रूप से दुर्लभ बताया गया. इससे पहले ओडिशा के दो भैंसों एवं चार बछड़ों को यह दर्जा दिया गया था.
केंद्रपाड़ा भेड़
• केंद्रपाड़ा भेड़ स्वदेशी भेड़ है जो केंद्रपाड़ा, कटक, जगतसिंहपुर, भद्रक एवं उड़ीसा के जाजपुर जिले में पाई जाती है.
• केंद्रपाड़ा नस्ल भारत में दूसरी एवं विश्व की छठी नस्ल है जो जुड़वां जन्म के लिए जानी जाती है.
• शोध में 80 प्रतिशत से अधिक मल्टीपल जन्म पाए गये जिसमें 71 प्रतिशत जुड़वां, 9 प्रतिशत तीन शावक एवं एक प्रतिशत चार शावकों का जन्म दर्ज किया गया.
• भारत में इस नस्ल की यह 42वीं भेड़ है जिसका पंजीकरण किया गया है.
• ओड़िसा में लगभग 123000 भेड़ें मौजूद हैं.
• इन्हें साधारणतया देसी भेड़ के नाम से भी जाना जाता है.
• यह मध्यम आकार की भेड़ है जिसे गुस्सैल माना जाता है. इसके बाल घुंघराले एवं शरीर को ढके हुए रहते हैं.
• इस भेड़ का औसत वजन 18 किलोग्राम होता है एवं एक व्यस्क भेड़ का वजन 28 किलोग्राम तक हो सकता है.
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