केरल सरकार ने शादियों जैसे कार्यक्रम को पर्यावरण हितैषी बनाने के लिए ग्रीन प्रोटोकॉल लागू करने की घोषणा की. केरल सरकार का कहना है कि शादियों के बाद पर्यावरण को होने वाले नुकसान से निपटने के लिए यह कदम उठाया गया है.
यह प्रोटोकॉल लागू होने के बाद शादियों में प्लास्टिक व थर्माकॉल जैसे पदार्थों से बने गिलास प्लेट्स और सजावट की वस्तुओं के उपयोग पर रोक लगा दी जाएगी.
शादियों में ग्रीन प्रोटोकॉल
• शादी, पार्टी एवं अन्य समारोहों के दौरान उन वस्तुओं के उपयोग पर पाबंदी रहेगी जिनसे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है.
• प्लास्टिक के बर्तनों पर पूरी तरह रोक होगी क्योंकि समारोह समाप्त होने के बाद यह प्लास्टिक नदी-नालों में जाकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती है.
• मैरिज हॉल, सम्मेलन केंद्रों, होटलों व अन्य आयोजन स्थलों पर सख्त निगरानी रखी जाएगी.
• इनके स्थान पर सरकार आयोजनकर्ताओं से पेड़-पौधों के पत्तों व धातुओं से बने हुए उत्पाद इस्तेमाल करने पर जोर देगी.
• प्रोटोकॉल के नियमों की अनदेखी होने पर आयोजनकर्ता के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान भी होगा.
• केरल में सुचिता मिशन के तहत नगर निगम ने कन्नूर, इरनकुलम, कोल्लम और अलाप्पुझा में प्रयोग के तौर पर इस प्रोटोकॉल को लागू कर दिया है.
• सुचिता मिशन और राजस्व विभाग के अधिकारियों को मिलाकर एक विशेष दस्ता तैयार किया गया है जो शादी-समारोहों के आयोजन की फिल्म बनाकर सरकार को सौंपेगा.
सुचिता मिशन के डायरेक्टर सीवी जॉय द्वारा मीडिया को दिए बयान में कहा गया कि ग्रीन प्रोटोकॉल को केरल सरकार द्वारा प्लास्टिक विरोधी ड्राइव के तहत लॉन्च किया गया.
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