विश्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत के केरल में सबसे अधिक औसत आयु एवं सबसे कम शिशु मृत्यु दर है जबकि असम में सबसे कम औसत आयु दर्ज की गयी. केरल की औसत आयु दर उन्नत अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कम है लेकिन असम की औसत आयु गरीब अफ्रीकी देशों के समान है.
मुख्य बिंदु
• केरल की औसत आयु 74.9 है जबकि असम में यह दर 63.9 है.
• केरल में प्रति एक हजार शिशुओं (एक वर्ष से कम) पर मृत्यु दर केवल छह है.
• यह आंकड़े नैशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) 2015-16 द्वारा पेश किये गये.
• केरल का शिशु मृत्यु दर रूस (8), चीन (9), श्रीलंका (8) और ब्राजील (15) जैसे देशों के मुकाबले भी बेहतर पाया गया.
• केरल की औसत आयु चीन, ईरान, टर्की, श्रीलंका के समान है जबकि असम की औसत आयु सूडान, तंज़ानिया, नाम्बिया, रवांडा आदि के समान है.
• केरल का निवासी किसी अन्य भारतीय की तुलना में सात वर्ष अधिक जीता है जबकि असम का निवासी चार वर्ष कम जीता है.
• सबसे अधिक औसत आयु वाले राज्यों में केरल के बाद दिल्ली (73.2) और जम्मू एवं कश्मीर (72.6) का नंबर आता है.
• सबसे कम औसत वाले राज्यों में असम के बाद उत्तर प्रदेश (64.1) एवं मध्य प्रदेश (64.2) का नंबर आता है.
शिशु मृत्यु दर
जनसंख्या स्थिरता कोष द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार शैशव अवस्था के प्रथम वर्ष के दौरान मृत्यु होने के कारण है- जन्म के समय कम भार होना, कुपोषण, दस्त होना और स्वांस नली में तीव्र संक्रमण होना. बाल मृत्युदर के कारण जन्म दर में वृद्धि होती है क्योंकि माता-पिता मृतक बच्चे की पूर्ति करने के लिए अधिक बच्चे पैदा करते हैं. शिशु मृत्युदर को कम करने के लिए टीकाकरण, सुरक्षित पेयजल तक पहुंच, सफाई और महिलाओं की साक्षरता की संयुक्त भूमिका है.
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