केन्द्रीय युवा मामले एवं खेल (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने हाल ही में जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेलो इण्डिया का प्रतीक चिन्ह अर्थात् लोगो जारी किया है. यह लोगो अनुरूपता और प्रतियोगितात्मकता के प्रभाव को भी दर्शाता है.
यह खेलों के विकास के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम, खेलो इंडिया सामुहिक सहभागिता और खेलों में प्रगति की उत्कृष्टता के दोनों उद्देश्यों की प्राप्ति में सहायक होगा.
खेलो इंडिया प्रतीक चिन्ह (LOGO)
• ओगिलवी इंडिया द्वारा तैयार किए गए तीन-स्ट्रोक खेलो इंडिया लोगो में प्रतिरूपकता है, जिसमें अनगिनत सचित्र रूपों में अनुकूलनशीलता और लचीलापन शामिल है.
• यह भारतीय ध्वज का रंग, राष्ट्रीय गौरव और दल-भावना का संचार करता है.
• एसजीएफआई और एनएसएफ़ खेल खेलेंगी और खेलो इंडिया स्कूल गेम्स की प्रतियोगिताओं पर वार्षिक कैलेंडर का संचालन करेंगी.
पृष्ठभूमि
केंद्र सरकार ने देश में खेलों को बढ़ावा देने और नई प्रतिभाओं को तलाशने के उद्देश्य से पिछले वर्ष राजीव गांधी खेल योजना, शहरी खेल संरचना योजना और प्रतिभा खोज योजना का विलय कर इनके स्थान पर ‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम शुरू किया था. गौरतलब है कि राजीव गांधी खेल योजना यूपीए सरकार ने वर्ष 2014 में आरंभ की थी, जिसे पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान के स्थान पर शुरू किया गया था.
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खेलो इंडिया कार्यक्रम
• खेलो इंडिया कार्यक्रम पूरे पारिस्थितिकीय तंत्र को प्रभावित करेगा, जिसमें बुनियादी ढांचा, सामुदायिक खेल, प्रतिभा की पहचान, उत्कृष्टता के लिए प्रशिक्षण, प्रतियोगिता संरचना और खेल अर्थव्यवस्था शामिल है.
• इस कार्यक्रम में एक अखिल भारत स्तरीय स्पोर्ट छात्रवृत्ति योजना भी शामिल है, जो चुनिंदा खेलों में प्रति वर्ष 1,000 प्रतिभावान युवा खिलाड़ियों को कवर करेगी.
• इस योजना के तहत चुने गए हर ऐथलीट को सालाना 5 लाख रुपये की छात्रवृत्ति 8 साल तक लगातार मिलेगी.
• इस कार्यक्रम के तहत 10 से 18 वर्ष आयुवर्ग के लगभग 20 करोड़ बच्चों को राष्ट्रीय शारीरिक फिटनेस अभियान में शामिल किया जाएगा.
केंद्र सरकार जल्द ही ‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की
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