केंद्र सरकार जल्द ही खेलो इंडिया कार्यक्रम शुरु करने जा रही है जिसके तहत देश में खेलों के लिए स्वस्थ माहौल बनाया जाएगा. सरकार ने खेलो इंडिया कार्यक्रम के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2019-20 की अवधि हेतु 1,756 करोड़ रूपये के पुनरूद्धार हेतु स्वीकृत किए हैं.
यह भी पढ़ें: भारत ने वर्ल्ड हॉकी लीग में कांस्य पदक जीता
इस कार्यक्रम का प्रभाव संरचना, सामुदायिक खेल, प्रतिभा की खोज, उत्कृष्टता हेतु कोचिंग, प्रतिस्पर्धागत ढांचा तथा खेल की अर्थव्यवस्था सहित सम्पूर्ण खेल प्रणाली पर पड़ेगा. यह कार्यक्रम व्यक्तिगत विकास, सामुदायिक विकास, आर्थिक विकास तथा राष्ट्रीय विकास के रूप में खेलों को मुख्य धारा से जोड़े जाने के फलस्वरूप भारतीय खेलों के इतिहास में यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि का प्रयास है.
मुख्य तथ्य:
- ओलिंपिक पदक विजेता खिलाड़ी के प्रारंभिक कोच को भी पूरी इंसेन्टिव राशि की 20 फीसदी राशि दी जाएगी. केंद्रीय खेल मंत्री राठौर ने विशिष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाले प्रदेश के खिलाड़ियों को सम्मानित किया.
- इस कार्यक्रम के तहत देशभर में 20 विश्वविद्यालयों को खेलों में उत्कृष्टता के हब के रूप में विकसित करने का लक्ष्य है, जिससे प्रतिभाशाली खिलाड़ी शिक्षा के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी खेलों में अपनी दोहरी भूमिका निभाने में समर्थ हो.
- इस कार्यक्रम से व्यापक राष्ट्रीय शारीरिक फिटनेस अभियान के अंतर्गत 10 से 18 आयु वर्ग के लगभग 200 मिलियन बच्चों को लाभ मिलेगा. इससे बच्चों की फिटनेस से संबंधित क्रियाकलापों को भी सहारा मिलेगा.
- इस योजना के तहत चयनित प्रत्येक खिलाड़ी को लगातार 8 वर्षों के लिए पांच लाख रूपये राशि की वार्षिक छात्रवृति प्रदान की जाएगी.
‘खेलो इंडिया’ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य:
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अशांत एवं सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों में रह रहे युवा वर्ग को अनुत्पादक एवं विध्वंसकारी गतिविधियों से हटाकर खेल-कूद के क्रियाकलापों से जोड़ना है. यह कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूल और कॉलेज दोनों ही स्तर पर प्रतिस्पर्धा के मानकों का स्तर बढ़ाना और खेल-कूद प्रतियोगिताओं तक बच्चों की अधिकतम पहुंच कायम करना है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation