याहू इंक ने तेजी से चुनौतीपूर्ण व्यापार और कानूनी माहौल के कारण 02 नवंबर, 2021 को चीन से अपना हाथ खींच लिया है.
याहू के फैसले की मुख्य विशेषताएं
- याहू ने 01 नवंबर, 2021 से चीन में अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं.
- याहू ने यह निर्णय उपयोगकर्ताओं के अधिकारों और एक मुक्त और खुले इंटरनेट के लिए अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप लिया है.
- याहू का यह निर्णय चीन में व्यक्तिगत सूचना संरक्षण कानून के कार्यान्वयन के साथ भी मेल खाता है.
चीन में सेंसरशिप
- चीनी अधिकारियों की इंटरनेट सेंसरशिप पर पैनी पकड़ है. इसके लिए चीन में काम करने वाली कंपनियों के लिए राजनीतिक रूप से संवेदनशील या अनुपयुक्त कीवर्ड और सामग्री को सेंसर करना आवश्यक है.
- चीन ने अपना "व्यक्तिगत सूचना संरक्षण कानून" भी लागू किया है, जो इस बात की सीमा निर्धारित करता है कि, विभिन्न कंपनियां क्या जानकारी एकत्र कर सकती हैं. यह उन मानकों को भी निर्धारित करता है कि उक्त जानकारी को कैसे संग्रहीत किया जाना चाहिए.
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- चीनी कानूनों के तहत, अगर चीनी अधिकारी ऐसा अनुरोध करते हैं, तो देश में काम कर रही इन कंपनियों के लिए अपना डाटा सौंपना जरुरी होगा.
पृष्ठभूमि
वर्ष, 2007 में याहू द्वारा दो चीनी असंतुष्टों पर बीजिंग को डाटा सौंपने के बाद, सांसदों द्वारा याहू की आलोचना की गई थी. इसके बाद, चीनी असंतुष्टों को कारावास में डाल दिया गया था. याहू ने पहले चीन में अपना परिचालन बंद कर दिया था और वर्ष, 2015 में इसने बीजिंग में अपना कार्यालय बंद कर दिया था.
चीन में अंतर्राष्ट्रीय सोशल मीडिया साइट के काम करने की शर्तें
चीन से याहू की वापसी काफी हद तक प्रतीकात्मक है क्योंकि चीन ने याहू सेवाओं और उसके वेब पोर्टल को पहले ही अवरुद्ध कर दिया था. चीन ने वर्ष, 2010 के दौरान अपनी मुख्य भूमि पर याहू की संगीत और ईमेल सेवाओं को भी बंद कर दिया था. चीन अंतर्राष्ट्रीय सोशल मीडिया साइट्स - फेसबुक और गूगल जैसे सर्च इंजन को वहां संचालित करने की अनुमति नहीं देता है. चीन में उपयोगकर्ता वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का उपयोग करके इन सेवाओं का उपयोग करते हैं.
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