कोरोना वायरस का 'लांब्डा' (Lambda) वेरिएंट विश्वभर में स्वास्थ्य अधिकारियों की चिंता बढ़ा रहा है. लैटिन अमेरिकी देश पेरू से कोरोना वायरस का एक और घातक वेरिएंट ‘लांब्डा’ बड़ी तेजी से दुनिया में फैलना शुरू हो गया है. अब तक 27 देशों में इस वेरिएंट के मामले सामने आ चुके हैं.
C.37 के नाम से भी जाना जाने वाला यह वेरिएंट 14 जून 2021 को 'वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया गया था. मलेशिया का स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, यह डेल्टा वेरिएंट से भी ज्यादा घातक साबित हो रहा है. यूके में अब तक लांब्डा के 6 मामलों की पहचान की गई है, और सभी को विदेश यात्रा से लौटे थे.
भारत में क्या मौजूद है यह वेरिएंट?
कोरोना वायरस का C.37 स्ट्रेन जिसे 'लांब्डा' वैरिएंट (Lambda variant) भी कहा जा रहा है, विदेशों में तेजी से फैल रहा है. लेकिन फिलहाल भारत में कोरोना वायरस के इस स्ट्रेन का एक भी मामला सामने नहीं आया है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय एयर ट्रेवल खोलने से 'लांब्डा' समेत कई नए वेरिएंट्स के भारत पहुंचने का खतरा है.
'लांब्डा' वेरिएंट: एक नजर में
इस स्ट्रेन की पहचान सबसे पहले पेरू में दिसंबर 2020 में हुई थी. लांब्डा दक्षिण अमेरिकी देश में कोविड-19 का प्रमुख प्रकार है. इसमें 81 प्रतिशत मामले इस वेरिएंट के थे. लांब्डा वेरिएंट आमतौर पर हाई ट्रांसमिशन इफिशिएंसी और एंटीबॉडी के रेजिस्टेंट से जुड़ा होता है, लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट्स ने कहा है कि इस तथ्य को मजबूती से स्थापित करने के लिए अधिक डेटा की जरूरत है.
जानें इस वेरिएंट के लक्षण
कोरोना वायरस के बाकी वेरिएंट्स की तरह 'लांब्डा' को भी केवल लक्षणों के आधार पर नहीं पहचाना जा सकता है. इसके भी लक्षण बाकी वेरिएंट्स जैसे ही हैं. ब्रिटेन की राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा (NHS) के अनुसार, बुखार, लगातार खांसी आना, गंध और स्वाद न आना लक्षण हो सकते हैं. इनमें से कोई न कोई एक लक्षण मरीज में रहता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने क्या कहा?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इस स्ट्रेन में कई तरह के बदलाव आए हैं जिसकी वजह से ये ज्यादा संक्रमक हो गया है और एंटीबॉडीज का भी इस पर असर नहीं हो रहा. ह्यूमन सेल्स को संक्रमित करने वाले 'लांब्डा' वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में सात म्यूटेशंस का एक खास पैटर्न होता है. वैज्ञानिकों के अनुसार, इसकी वजह से कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के मामले भी बढ़े हैं.
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