उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को तीन जिलों में पूर्ण रूप से शराबबंदी करने का आदेश जारी किया.
यह निर्देश उदित नारायण तिवारी द्वारा न्यायालय में याचिका दायर करने के बाद सुनवाई में दिया गया. याचिकाकर्ता का कहना था कि हरिद्वार में शराब पर प्रतिबन्ध लगाया जाना चाहिए क्योंकि यहां पर परोसी जाने वाली शराब से फरवरी 2002 में पारित किये गये सरकारी आदेश की अवहेलना होती है. हरिद्वार के धार्मिक महत्व के कारण सरकार द्वारा इस स्थान पर शराब पर प्रतिबन्ध लगाए जाने की घोषणा की गयी थी.
इस याचिका की सुनवाई न्यायधीश राजीव शर्मा एवं न्यायधीश आलोक सिंह की बेंच ने की. उन्होंने रुद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी में पूरी तरह से शराब पर प्रतिबन्ध लगाए जाने का आदेश दिया.
यह जिले चार धाम मंदिरों के लिए जाने जाते हैं. रुद्रप्रयाग में केदारनाथ एवं चमोली में बद्रीनाथ मंदिर स्थित हैं जबकि उत्तरकाशी में गंगोत्री एवं यमुनोत्री मौजूद है.
बेंच ने कहा कि इस क्षेत्र में शराब की बिक्री पर पहले से ही प्रतिबन्ध लगाया जा चुका है जबकि पूर्व प्रतिबन्ध आने वाली पीढ़ी के लिए भी लाभदायक सिद्ध होगा. साथ ही बेंच ने सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने पर भी रोक तथा जुर्माने का प्रावधान किये जाने का आदेश दिया.
न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि इस क्षेत्र में किसी भी व्यक्ति को शराब पीकर उपद्रव करने से रोका जाना चाहिए. आदेश में शराब के सेवन का सार्वजनिक एवं घर के अंदर सभी स्थानों पर रोके जाने का आदेश जारी किया गया.
न्यायालय ने गुरुद्वारा नानकमत्ता, गुरुद्वारा मीठा रीठा साहिब एवं गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब के पांच किलोमीटर के दायरे में किसी भी प्रकार के तम्बाकू उत्पाद की बिक्री एवं सेवन पर भी प्रतिबन्ध लगाए जाने का आदेश जारी किया.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation