भारत और स्वीडन ने अपने द्विपक्षीय सहयोग को मज़बूत करने के लिए 17 अप्रैल 2018 को एक ‘साझा कार्य योजना’ (Joint Action Plan) तथा ‘नवान्वेषण साझेदारी’ (Innovation Partnership) के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए.
इसके अतिरिक्त साथ ही दोनों देशों के नेताओं ने मेक इन इंडिया के तहत रक्षा उत्पादन एवं साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया. इन समझौतों के तहत भारत और स्वीडन ने 60 लाख डॉलर (लगभग 39 करोड़ 44 लाख रुपये) की सीड मनी के साथ कार्य योजना पर सहमति जताई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले 30 वर्षों में स्वीडन की यात्रा करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं. बतौर भारतीय प्रधानमंत्री, अंतिम बार राजीव गांधी ने स्वीडन की अधिकारिक यात्रा की थी.
भारत-स्वीडन साझा कार्य योजना की सूची
इनोवेशन
• पारस्परिक प्रतिबद्धता के साथ समृद्धि और विकास के लिए यह समझौता भारत में विशेष भूमिका निभा सकता है. सतत भविष्य निर्माण एवं सामाजिक चुनौतियों जैसे जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों के लिए यह समझौता विशेष महत्व रखता है.
• स्वीडिश पेटेंट रजिस्ट्रेशन ऑफिस और डिपार्टमेंट ऑफ़ इंडस्ट्रियल पॉलिसी एंड प्रमोशन ऑफ़ इंडिया के मध्य समझौते पर हस्ताक्षर किये गये.
व्यापार एवं निवेश
• भारत की पहल ‘इन्वेस्ट इंडिया’ के तहत स्वीडन को भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहित करना तथा ‘बिज़नेस स्वीडन’ के तहत भारत को स्वीडन में निवेश के लिए अवसर प्रदान करना.
• भारत-स्वीडन के व्यापारियों के लिए एक गोलमेज सम्मेलन आयोजित करना. इससे दोनों देशों की आर्थिक विकास गति को बल मिलेगा.
स्मार्ट सिटीज़ एवं नेक्स्ट जनरेशन ट्रांसपोर्ट
स्मार्ट सिटी, क्लीन टेक्नॉलजी, यूनिवर्सल हाउसिंग, रिनूअबल एनर्जी, ई-मोबिलिटी, स्टार्टअप, वेस्ट डिस्पोजल आदि विषयों पर संयुक्त कार्य योजना के तहत मिलकर काम किया जायेगा. दोनों देशों के विशेषज्ञों द्वारा वैज्ञानिक शोध को बढ़ावा दिया जायेगा तथा इंडस्ट्री उत्पादन में सहयोग किया जायेगा.
महिला कौशल विकास तथा सशक्तिकरण
महिलाओं के कौशल विकास तथा उनके सशक्तिकरण के लिए ‘क्राफ्ट्समाला’ जैसी परियोजनाओं पर काम किया जायेगा. यह एक स्वीडन और भारत की संयुक्त पहल है जो पुणे और महाराष्ट्र की महिलाओं को कौशल विकास की ट्रेनिंग देती है तथा उनका सशक्तिकरण करती है.
रक्षा क्षेत्र
• मेक इन इंडिया के तहत स्वीडन के इनवेंशंस से रक्षा क्षेत्र में मदद मिल सकती है. स्वीडन रक्षा क्षेत्र में हमेशा ही भारत का पार्टनर रहा है. संयुक्त कार्य योजना से रक्षा क्षेत्र में नए अवसर सामने आएंगे.
• 2018-19 में भारत-स्वीडन रक्षा सम्मेलन आयोजित किये जायेंगे जिससे भारत के रक्षा क्षेत्र में निवेश के अवसर तलाशे जायेंगे.
अन्तरिक्ष एवं विज्ञान
अन्तरिक्ष क्षेत्र में द्विपक्षीय संबधों के महत्व को देखते हुए तकनीक, इनोवेशन एवं रिसर्च को प्रोत्साहन दिया जायेगा. इसके तहत दोनों देशों के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये.
स्वास्थ्य एवं जीवन विज्ञान
स्वास्थ्य देखभाल और सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन के तहत स्वास्थ्य के क्षेत्र में पहचाने जाने वाले प्राथमिक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाया जायेगा, जैसे कि स्वास्थ्य अनुसंधान, फार्माकोविविंग और विरोधी माइक्रोबियल प्रतिरोध.
इंडिया-नॉर्डिक काउंसिल सम्मेलन
अपनी यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों ने 17 अप्रैल 2018 को ‘इंडिया-नॉर्डिक काउंसिल समिट’ का आयोजन किया. इसमें सभी नॉर्डिक प्रधानमंत्री - लार्स रेसमुसेन (डेनमार्क) जुहा सिपिला (फ़िनलैंड), कार्टिन जैकोब (आइसलैंड) एर्ना सोलबर्ग (नॉर्वे) शामिल थे.
भारत और स्वीडन के मध्य संयुक्त घोषणापत्र पर एमओयू
भारत और स्वीडन ने सतत विकास के लिए इनोवेशन पार्टनरशिप संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किये. यह एमओयू भारतीय विज्ञान प्रोद्योगिकी मंत्रालय एवं स्वीडन की मिनिस्ट्री ऑफ़ एंटरप्राइज एंड इनोवेशन के मध्य हस्ताक्षरित हुआ.
भारत एवं डेनमार्क के मध्य एमओयू
• शहरी विकास हेतु एमओयू: भारतीय हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री तथा डेनमार्क की बिज़नेस एंड फाइनेंशियल अफेयर्स मिनिस्ट्री के मध्य समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गये. इसके तहत भारत में स्मार्ट सिटीज़ विकसित करने के लिए समझौता किया गया.
• पशुधन पर एमओयू: भारत एवं डेनमार्क ने पशुधन एवं डेयरी विकास के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये.
• खाद्य सुरक्षा पर एमओयू: फ़ूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया एवं डेनिश वेटरनिरी एंड फ़ूड एडमिनिस्ट्रेशन के मध्य खाद्य सुरक्षा को लेकर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये.
• कृषि अनुसंधान पर एमओयू: इंडियन काउंसिल ऑफ़ एग्रीकल्चरल रिसर्च एवं यूनिवर्सिटी ऑफ़ कोपेनहेगेन, डेनमार्क के मध्य कृषि अनुसंधान तथा इसी क्षेत्र में शिक्षा का विकास करने हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये.
भारत और आइसलैंड के मध्य एमओयू
भारत और आइसलैंड ने हिंदी भाषा के लिए आईसीसीआर चेयर का गठन करने हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये. इस समझौता ज्ञापन पर भारत की ओर से इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन्स (आईसीसीआर) एवं यूनिवर्सिटी ऑफ़ आइसलैंड के मध्य हस्ताक्षर किये गये.
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