वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी ने लिवरपूल मैरीटाइम मर्केंटाइल सिटी को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची से हटा दिया है. बता दें कि ब्रिटिश साम्राज्य के निर्माण में एक प्रमुख व्यापारिक बंदरगाह के रूप में उनकी भूमिका के लिए साल 2004 में लिवरपूल के डॉक को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया था.
इस सिटी में में पियर हेड, अल्बर्ट डॉक और विलियम ब्राउन स्ट्रीट सहित छह स्थान शामिल थे. बता दें, लिवरपूल के ऐतिहासिक डॉकलैंड्स में मौजूद छह इलाकों ने 18वीं और 19वीं शताब्दी में दुनिया के प्रमुख व्यापारिक केंद्र को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. साल 2012 में इन ऐतिहासिक डॉकलैंड्स के बड़े पैमाने पर पुनर्विकास के प्रस्ताव के बाद यूनेस्को ने इसे संकटग्रस्त विश्व विरासत की सूची में शामिल किया था.
World Heritage Committee removes Liverpool Maritime Mercantile City from UNESCO’s World Heritage List: UNESCO
— ANI (@ANI) July 21, 2021
यह निर्णय किसके द्वारा लिया गया?
यह निर्णय यूनेस्को समिति द्वारा गुप्त मतदान के बाद लिया गया. उन्होंने लिवरपूल के इस दर्जे को हटाने का निर्णय लिया. विरासत सूची को इमारतों, स्मारकों और अन्य स्थलों को संरक्षित करने और चिन्हित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, और लिवरपूल को हटाने का यह निर्णय शहर की प्रतिष्ठा को प्रभावित करेगा.
यूनेस्को के बारे में जानकारी
यूनेस्को (UNESCO) 'संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन' का लघुरूप है. यूनेस्को संयुक्त राष्ट्र का एक निकाय है. इसका कार्य शिक्षा, प्रकृति तथा समाज विज्ञान, संस्कृति तथा संचार के माध्यम से अंतराष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देना है. भारत वर्ष 1946 से ही यूनेस्को का सदस्य देश है.
यूनेस्को के 193 सदस्य देश (अमेरिका और इज़राइल को छोड़कर) हैं और सात सहयोगी सदस्य देश और दो पर्यवेक्षक सदस्य देश हैं. इसका मुख्यालय पेरिस (फ्रांस) में है. यह साक्षरता बढ़ानेवाले कार्यक्रमों को प्रायोजित करता है और वैश्विक धरोहर की इमारतों और पार्कों के संरक्षण में भी सहयोग करता है.
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