लोकसभा में 19 दिसम्बर 2017 को केन्द्रीय सड़क कोष (संशोधन) विधेयक, 2017 पारित हो गया. इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य केन्द्रीय सड़क कोष (सीआरएफ) अधिनियम, 2000 में संशोधन करना है, जिसके जरिए हाई स्पीड पेट्रोल और डीजल पर लगाए एवं एकत्रित किये गये उपकर को ग्रामीण सड़कों, राष्ट्रीय राजमार्गों, रेलवे, राज्यों की सड़कों और सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित सड़कों के विकास हेतु वितरित किया जाता है.
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वर्तमान विधेयक में राष्ट्रीय जलमार्गों के विकास एवं रख-रखाव में तेजी लाने हेतु सृजित सीआरएफ के ढाई प्रतिशत का आवंटन करने का उल्लेख किया गया है. इसके तहत राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए आवंटित हिस्से में ढाई प्रतिशत की कटौती की जाएगी. इससे राष्ट्रीय जलमार्गों के लिए अंतरिम रूप से लगभग 2300 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित होगा.
केन्द्रीय सड़क कोष अधिनियम, 2000 में संशोधन की आवश्यकता क्यों है?
- राष्ट्रीय जलमार्ग परिवहन का किफायती और लॉजिस्टिक दृष्टि से दक्ष एवं पर्यावरण अनुकूल साधन मुहैया कराते हैं.
- इसका विकास एक पूरक मोड के रूप में होने से अत्यंत भीड़-भाड़ वाली सड़कों एवं रेलवे से यातायात जलमार्ग की ओर उन्मुख होगा.
- राष्ट्रीय जलमार्ग अधिनियम, 2016 के बन जाने से राष्ट्रीय जलमार्गों की कुल संख्या अब 111 हो गई है. इससे देश में राष्ट्रीय जलमार्गों के बेहतर नियमन एवं विकास का मार्ग प्रशस्त हुआ है.
- कैबिनेट ने 24 मई 2017 को आयोजित अपनी बैठक में संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी थी यह विधेयक 24 जुलाई 2017 को लोकसभा में पेश किया गया था.
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स्रोत (पीआईबी)
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